बीडीसी प्रतिनिधित्व खोने के बाद भरमौर कांग्रेस में भुचाल,ब्रहमानंद,शंकरदास व सुरजीत भरमौरी को पार्टी से निष्कासित करने की मांग

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रोजाना24,चम्बा 4 फरवरी : राजनीतिक अखाड़े के धुरंधर माने जाने वाले पूर्व वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने कांग्रेस समर्थित पंचायत समिति अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनवाने के लिए ‘टाईट फील्डिंग’ लगा रखी थी । लेकिन उन्हें पता ही नहीं चल पाया कि इन फील्डरों में दो तो विरोधी टीम के भी हैं । 22 जनवरी को चुनाव परिणाम आने के बाद से लेकर आज 4 फरवरी को पंचायत समिति अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव होने से कुछ क्षण पूर्व तक कांग्रेस इस मुगालते में थी कि उनके पास 15 में से 9 सदस्यों का बहुमत है लिहाजा लघुसचिवालय में चुनाव से पूर्व सभी नौ सदस्यों ने एक साथ एंट्री ली । बाहर  कांग्रेस खेमा अपनी जीत के प्रति आश्वस्त था लेकिन कुछ ही समय में 9 में से 7 कांग्रेस समर्थित मायूस बाहर निकल आए जब अंदर का हाल ब्यान किया तो कांग्रेस समर्थकों के पैरों तले जमीन खिसक गई । 

इन कांग्रेस समर्थित सदस्यों ने बाहर आकर बताया कि हमारे दो सदस्य तो दूसरे खेमे में मिल चुके हैं जिनमें से एक तो भाजपा समर्थित सदस्यों के सहयोग से उपाध्यक्ष बन गया है और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार 8 के मुकाबले 7 मतों से पराजित हो गए हैं ।

चुनाव परिणाम की खबर पूरे क्षेत्र में फैली तो लोगों की कारण जानने उत्सुक्ता भी बढ़ी । 

इसी दरम्यान कांग्रेस व उसके पंचायत समिति सदस्यों ने एक शिकायत पत्र तैयार कर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर को भेज कर कांग्रेस के कुछ पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित करने की मांग कर दी। 

ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भजन सिंह ठाकुर ने कहा कि पूरी प्रकिया के दौरान सात पंचायत समिति सदस्य पूर्व वन मंत्री ठाकर सिंह भरमौरी के साथ रहे जबकि दो कांग्रेस समर्थित पंचायत समिति सदस्य कमलेश कुमार व मदन लाल पूर्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ब्रहमानंद ठाकुर, पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर दास व यूकां प्रदेश महासचिव के सम्पर्क में थे । भजन ठाकुर ने घटनाक्रम के अनुसार जानकारी देते हुए कहा कि होली व चन्हौता के पंचायत समिति सदस्यों को इन तीनों कांग्रेस नेताओं ने अन्य सात सदस्यों  के साथ मिलने ही नहीं दिया । चुनाव से पूर्व भी कमलेश व मदन ने पूरी तरह से अध्यक्ष पद के लिए गरोला के पवन कुमार व उपाध्यक्ष पद के लिए सचूईं से पवन शर्मा का समर्थन करने का भरोसा दिया था ।

भजन ठाकुर ने कहा कि अब उन्हें पूरा भरोसा हो गया है कि इन तीन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने ही पार्टीघाती कार् किया है । क्योंकि कांग्रेस समर्थित सदस्य को भाजपा द्वारा उपाध्यक्ष पद पर आसीन करना इतना आसान भी नहीं था ।

उन्होंने कहा कि दोनों पंचायत समिति सदस्यों कमलेश कुमार व मदन लाल को वे पार्टी विरोधी कार्य के लिए कांग्रेस से निष्काषित कर रहे हैं, ब्रहमानंद ठाकुर,शंकर दास व सुरजीत भरमौरी को पार्टी से निकालने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र भेजा गया है । उन्होंने कहा कि भरमौर कांग्रेस में यह गुट लम्बे समय से पार्टी को खोखला कर रहा है । हर अहम मौके पर यह लोग पार्टी को नुक्सान पहुंचाते आ रहे हैं । पूर्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ब्रहमानंद ठाकुर को पार्टी विरोधी गतिविधियां चलाने के लिए उनके विरुद्ध  कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा चुका है ।

ताजा हालात के बाद कांग्रेस की एकजुटता के प्रश्न पर उन्होंने दो टूक कहा कि अब पानी सिर के ऊपर से गुजर गया है । फैसला पार्टी हाई कमान को करना है कि उन्हें पार्टी में रखना है या हमें । ‘हमें शब्द’ से उनका तात्पर्य ठाकर सिंह भरमौरी खेमे से था । उन्होंने कहा कि अब पार्टी में छंटाई होना जरूरी हो गया है ।

उधर दूसरी ओर ब्लॉक कांग्रेस के निशाने पर आए पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ब्रहमानंद ठाकुर व शंकर दास ने कहा कि उक्त दोनों प्रत्याशी उनके सम्पर्क में जरूर थे लेकिन चुनाव के दौरान क्या घटित हुआ इस बारे में उन्हें स्वयं कुछ समझ नहीं आया है । उन्होंने कहा कि ब्लॉक कांग्रेस कमेटी प्रतिनिधि अपनी नाकामी का ठीकरा दूसरों के सिर पर फोड़ते आए हैं । वे हमें पार्टी से निकलवाने के लिए कई प्रकार के षड़यंत्र रचते रहते हैं । उन्होंने कहा कि वे अपनी सफाई देना नहीं चाहते लेकिन विस चुनाव में कांग्रेस को सब पंचायतों से हार मिली थी तब भी उनकी पंचायतों में कांग्रेस को बढ़त दिलवाई गई थी । उन्होंने कहा कि भरमौर कांग्रेस में लोकतंत्र समाप्त हो रहा है व तानाशाही व परिवारवाद हावी होने से पार्टी की छवि खराब हो रही है वे स्वयं इस बारे में पार्टी हाई कमान से बात करेंगे।

इस मामले में कांग्रेस की ओर से आरोपित दोनों पंचायत समिति सदस्यों कमलेश कुमार व मदन लाल और युकां प्रेश महासचिव सुरजीत भरमौरी से भी उनका पक्ष जानने के लिए फोन कॉल की गई लेकिन उनकी प्रतिक्रया नहीं मिली ।

पंचायत समिति अध्यक्ष,उपाध्यक्ष पद पर दावे के खेल में बहरहाल  ‘खिलाड़ियों के खिलाड़ी’ से भी जियालाल खिलवाड़ कर गए हैं । कांग्रेस को यह भी समझ नहीं आया कि उनकी टीम की वर्दी में विरोधी खिलाड़ी खेल रहे हैं ।