रोजाना24,चम्बा 5 फरवरी : पंचायत समिति प्रतिनिधि मंडल चुनाव में उपाध्यक्ष बनकर निकले कमलेश कुमार को ‘कांग्रेस का विलेन’ की तरह प्रदर्शित किया गया है। सोशल मीडिया में भी उन्हें खूब ट्रोल किया जा रहा है। वहीं ब्लॉक कांग्रेस कमेटी भरमौर ने भी उनकी सदस्यता रद्द करने का फैसला ले लिय़ा है।
भरमौर उपमंडल की राजनीति में चल रही इस उठापटक पर आज पंचायत समिति उपाध्यक्ष ने चुनाव से जुड़े मामले पर रोजाना24 के माध्यम आम लोगों को सिलसिलेवार जानकारी देते हुए कहा कि इस समय वे ब्लॉक युकां में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जब वे पंचायत समिति चुनाव लड़ने उतरे थे तो उस दौरान कांग्रेस समर्थित एक और प्रत्याशी ने भी चुनाव लड़कर मुझे हराने का पूरा प्रयास किया था। लेकिन उस वक्त उन्हें युकां प्रदेश महासचिव सुरजीत भरमौरी,पूर्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ब्रहमानंद ठाकुर व कंचन सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने सहयोग किया था। लेकिन जब वे चुनाव जीत गए तो उन्हें कांग्रेस की ओर से फरमान सुना दिया गया कि वे ब्लॉक कांग्रेस पर कब्जाधारियों द्वारा तय प्रतिनिधियों को अपना समर्थन दें । जबकि पार्टी के लोकतांत्रित सिद्धांतों के अनुसार सब पंचायत समिति सदस्यों से उनकी राय पूछनी चाहिए थी। चूंकि सभी नये सदस्य चुनकर आये हैं तो अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद पर आसीन होने के लिए औरों की भान्ति मैंने भी उम्मीद लगा रखी थी। लेकिन कांग्रेस के एक गुट ने उन्हें शतरंज के मोहरे की तरह वजीर की रक्षा के लिए आगे बढ़ा दिया। लेकिन मुझे यह एक तरफा फैसला मंजूर नहीं था,वैसे भी यह पार्टी के अधिकारिक चुनाव नहीं होते। पंचायत समिति व जिला परिषद चुनावों में अब तक कई बार ऐसी परिस्थितियां बन चुकी हैं जब अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर अलग पार्टियों के समर्थित सदस्य पदस्थ हुए हैं। चुवाड़ी नगर परिषद में आज बने हालात जिसमें अध्यक्ष पद भाजपा व उपाध्यक्ष पद कांग्रेस के पास है,जैसे उदाहरण भी प्रस्तुत किए।
कमलेश कुमार ने कहा कि जब वे पंचायत समिति अध्यक्ष,उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए लघु सचिवालय हाल में पहुंचे तो यहां आपसी विचार विमर्श के लिए मिले समय में कुछ साथी समिति सदस्यों ने उन्हें उपाध्यक्ष पद के लिए नामित होने का प्रस्ताव रखा जिसके लिए उन्होंने कांग्रेस में बने रहने की शर्त पर स्वीकर किया। उन्होंने भाजपा में शामिल होने की बातों को खारिज करते हुए कहा कि वे कांग्रेस में ही हैं पार्टी बदलने का कोई औचित्य नहीं है।
उपाध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस समर्थित सदस्यों के बजाए भाजपा दल के साथ बाहर निकलने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस समर्थित सदस्य पहले ही हाल से बाहर निकल चुके थे। जबकि उन्हें प्रमाण पत्र मिलना शेष था। जब वे बाहर निकल रहे थे तो कांग्रेस के एक गुट ने मेरे विरुद्ध असंवैधानिक नारे लगाने शुरू कर दिए जिस पर अन्य साथी जिन्हें भाजपा समर्थक कहा जा रहा है,ने मुझे अपने साथ मिलाकर सुरक्षा दी थी।
अब उन्हें पंचायत समिति उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली है जिसे वे कांग्रेस में रह कर ईमानदारी से पूरी करेंगे। पार्टी से निकाले जाने के फरमान पर उन्होंने कहा कि कौन किसे निकालेगा यह पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।पार्टी में मतभेदों के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह बड़े स्तर के नेताओं की बातें हैं लेकिन इसमें पंचायत स्तर के जन प्रतिनिधियों को भी ह्रास किया जा रहा है । पार्टी हाईकमान को इसकी जमीनी हकीकत पर पडताल करनी होगी।