हिमाचल प्रदेश के भरमौर विधानसभा से बीजेपी विधायक डॉ. जनक राज का कहना है कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का हमेशा सम्मान किया है और आईजीएमसी में उनके इलाज के दौरान उनकी सेवा भी की थी। लेकिन विक्रमादित्य सिंह को यह जवाब देना होगा कि मंडी लोकसभा क्षेत्र हिमाचल प्रदेश में सबसे पिछड़ा क्षेत्र क्यों है, जबकि उनके परिवार ने यहां से पांच बार जीत हासिल की है। बीजेपी का मानना है कि कंगना की अपार लोकप्रियता और राजनीतिक दृष्टिकोण इस क्षेत्र के विकास को नई दिशा दे सकते हैं।
डॉ. जनक राज का मानना है कि कंगना का बॉलीवुड में बिना किसी ‘गॉडफादर’ के अपने दम पर सफलता पाना और मेहनत के बल पर तीन राष्ट्रीय पुरस्कार जीतना उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का सबूत है। उन्होंने अपने करियर में जिस तरह से साहस और कड़ी मेहनत का परिचय दिया, उसी प्रकार वह हिमाचल प्रदेश की समस्याओं को भी केंद्र के सामने मजबूती से उठाएंगी। इसके लिए उनका अपने घर को महज 16 साल की उम्र में छोड़कर सफलता की खोज में मुंबई जाना और उसके बाद बिना किसी बड़े नाम या परिवार के समर्थन के अपना मुकाम हासिल करना, उनकी दृढ़ता का परिचायक है।
डॉ. जनक राज ने यह भी कहा कि जहां कंगना ने कई जगह पैदल और गाड़ी से जाकर भरमौर विधानसभा सहित सभी जगह प्रचार किया, वहीं विक्रमादित्य सिंह हेलीकॉप्टर से घूमकर मुख्य क्षेत्रीय समस्याओं को भी नजरअंदाज कर रहे हैं। विक्रमादित्य भरमौर में सड़क से आए ही नहीं, इसलिए उन्हें अंदाजा ही नहीं कि भरमौर के लोग खराब सड़कों की वजह से किन समस्याओं को झेल रहे हैं। डेढ़ साल में विक्रमादित्य सिंह ने पीडब्ल्यूडी मंत्री रहने के बावजूद भरमौर की सड़कों के लिए कुछ नहीं किया।
बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरकर सियासी हलचल मचा दी है। कंगना अपने आक्रामक प्रचार और विपक्षी दल कांग्रेस पर सीधे हमलों के लिए जानी जा रही हैं। कांग्रेस ने उन पर व्यक्तिगत हमलों के जरिए उनकी बॉलीवुड शैली, खाने की आदतों और हिमाचल प्रदेश के इतिहास से अपरिचित होने का आरोप लगाया है।
कुल मिलाकर, मंडी लोकसभा क्षेत्र में इस बार के चुनाव दिलचस्प होने वाले हैं। जहां एक तरफ कांग्रेस का आरोप है कि कंगना रनौत को यहां की स्थानीय समस्याओं और जनता की परेशानियों का ज्ञान नहीं है, वहीं बीजेपी और उनके समर्थकों का मानना है कि उनकी व्यक्तिगत कड़ी मेहनत और राजनीतिक दृष्टिकोण से मंडी के विकास की दिशा में बड़े बदलाव आ सकते हैं।