इंदिरा गांधी सुख-सम्मान निधि योजना (Indira Gandhi Sukh Samman Nidhi Yojana), जिसमें 18 से 59 वर्ष की आयु वाली महिलाओं के लिए प्रत्येक माह महिलाओं को 1500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह योजना प्रदेश की महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने और उनके सम्मान में वृद्धि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के दौरान इस योजना की घोषणा की थी, और अब इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। लाहुल स्पीति जिले में सफलतापूर्वक चलाई गई इस योजना के तहत जारी किए गए दिशा-निर्देशों को अब पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है।
योजना की प्रमुख विशेषताएं:
- योग्यता: इस योजना में 18 से 59 वर्ष की आयु की महिलाएं शामिल होंगी। जिन महिलाओं के परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है या पेंशन प्राप्त नहीं कर रहा है, उन्हें इस योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- प्रक्रिया: इच्छुक महिलाएं तहसील कल्याण अधिकारी के कार्यालय से योजना का फॉर्म प्राप्त कर सकती हैं। फॉर्म भरने के बाद, सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच तहसील कल्याण अधिकारी द्वारा की जाएगी और वे ही संस्तुति करेंगे।
- दस्तावेज: आवेदन के साथ आधार कार्ड, राशन कार्ड की प्रतियां, और अपनी श्रेणी का उल्लेख करना आवश्यक है, चाहे वह अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य जाति, या अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित हो।
यह योजना हिमाचल प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके सम्मान को बढ़ाने की दिशा में एक कदम है। सरकार का यह प्रयास न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा बल्कि उन्हें समाज में अधिक सम्मान और पहचान भी प्रदान करेगा।
इंदिरा गांधी सुख-सम्मान निधि योजना (Indira Gandhi Sukh Samman Nidhi Yojana): इन महिलाओं को नहीं मिलेगी पेंशन
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सरकार की ओर से शुरू की गई ‘इंदिरा गांधी सुख-सम्मान निधि योजना’ (Indira Gandhi Sukh Samman Nidhi Yojana) का लाभ उन महिलाओं को नहीं मिलेगा जिनके परिवार के सदस्य निम्नलिखित श्रेणियों में आते हैं:
- केंद्र सरकार या राज्य सरकार के कर्मचारी: जो वर्तमान में सेवा में हैं या पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
- अनुबंधित, आउटसोर्स या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी: जिन्हें सरकारी या निजी सेवाओं में अस्थायी आधार पर रखा गया है।
- अंशकालिक कर्मचारी: जो समय-समय पर कार्य करते हैं।
- सेवारत या भूतपूर्व सैनिक, सैनिक विधवाएँ: जिन्होंने भारतीय सेना में सेवा की है।
- मानदेय प्राप्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा वर्कर: जिन्हें सरकारी योजनाओं के अंतर्गत मानदेय प्राप्त होता है।
- मिड डे मील वर्कर, मल्टी टास्क वर्कर: जो स्कूलों या सरकारी संस्थाओं में कार्यरत हैं।
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थी: जो पहले से ही सरकारी पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
- पंचायती राज संस्थाओं या शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारी: जो स्थानीय सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं।
- केंद्र या राज्य सरकार के अंतर्गत विभिन्न सार्वजनिक उपक्रम, बोर्ड, काउंसिल, एजेंसी में कार्यरत: जिन्हें सरकारी विभागों या संस्थाओं में नियमित या स्थायी नौकरी प्राप्त है।
- वस्तु एवं सेवाकर (GST) के लिए पंजीकृत व्यक्ति: जिनके पास GST पंजीकरण है।
- आयकरदाता: जो नियमित रूप से आयकर देते हैं।
इंदिरा गांधी सुख-सम्मान निधि योजना (Indira Gandhi Sukh Samman Nidhi Yojana): आवश्यक दस्तावेज
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई ‘इंदिरा गांधी सुख-सम्मान निधि योजना’ (Indira Gandhi Sukh Samman Nidhi Yojana) के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए महिलाओं को निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न करने होंगे:
- हिमाचली बोनाफाइड प्रमाण पत्र (Himachali Bonafide Certificate): इस प्रमाण पत्र के माध्यम से यह सिद्ध किया जाता है कि आवेदक हिमाचल प्रदेश का मूल निवासी है। यह दस्तावेज स्थानीय निवासी होने का प्रमाण है।
- आयु प्रमाण पत्र (Age Proof Certificate): आवेदक की आयु सत्यापित करने के लिए आयु प्रमाण पत्र जरूरी है। इसमें जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र या अन्य सरकारी दस्तावेज शामिल हो सकते हैं।
- बैंक या डाकघर की पासबुक की प्रति (Copy of Bank or Post Office Passbook): आर्थिक लेनदेन और पेंशन राशि के हस्तांतरण के लिए बैंक या डाकघर की पासबुक की प्रति की आवश्यकता होती है।
- आधार कार्ड की प्रति (Copy of Aadhaar Card): आधार कार्ड भारत में एक पहचान पत्र के रूप में कार्य करता है और यह लाभार्थी की पहचान और पते का सत्यापन करने में मदद करता है।
- राशन कार्ड की प्रति (Copy of Ration Card): राशन कार्ड आवेदक के परिवार के सदस्यों और उनके आर्थिक स्तर की जानकारी प्रदान करता है।