हमीरपुर से भाजपा लोकसभा प्रत्याशी श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज एक प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा के समय हिमाचल प्रदेश ने कांग्रेस सरकार के निक्कमेपन को बहुत करीब से देखा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि आपदा में देवभूमि की चिंता छोड़, कांग्रेस सरकार अपनी ओछी राजनीति के चलते बंदरबाँट में उलझी रही।
श्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “पिछले साल देवभूमि हिमाचल प्रकृति के रौद्र रूप के साथ-साथ कांग्रेस का निकम्मापन भी देखा। यह आपदा इतनी भयावह थी कि हिमाचल के प्रत्येक जिले में इसका असर हुआ, जिसके परिणामस्वरूप हममें से कई लोगों को अपने स्वजन खोने का दंश झेलना पड़ा। आपदा की ऐसी मुश्किल घड़ी में भी कांग्रेसी नेता हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और प्रदेश को सिसकने के लिए छोड़ दिया। वो तो भला हो मोदी जी का जिन्होंने सदा ही हिमाचल को अपना दूसरा घर माना और हिमाचल के लिए फौरी तौर पर ₹1762 करोड़ की मदद दी। मगर कांग्रेस सरकार केंद्र से मिली मदद में बंदरबाँट और भाई-भतीजावाद में ही लगी रही।”
श्री ठाकुर ने आगे कहा, “कांग्रेसी नेता यदि भूल गए हों तो उन्हें फिर से याद दिलाना चाहूँगा कि हिमाचल में आपदा के दौरान मैंने और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने मिलकर प्रदेश के लिए 16,206 हजार घरों को आवास योजना के अंतर्गत मंजूर किया और 2373 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 2700 किमी. की सड़कें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत मंजूर करवाईं। जहां तक पैसों की बात है, तो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के निर्देश पर केंद्र सरकार ने पहले दो किस्तों में ₹180-180 करोड़ दिए, फिर केवल सड़कों की मरम्मती के लिए लगभग ₹400 करोड़ दिए। इसके बाद फिर अलग से ₹189 करोड़ भेजे। 20 अगस्त को फिर ₹200 करोड़ और 12 दिसंबर को लगभग ₹633 करोड़ भेजे, यानी कुल मिलाकर ₹1782 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल के लिए भेजी गई। केंद्र की ओर से महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार को जुलाई से अब तक लगभग 434 करोड़ रुपये दिए गए हैं।”
श्री ठाकुर ने आगे कहा, “आज आपदा को लगभग 10 महीने होने को हैं, लेकिन पीड़ित राज्य सरकार द्वारा जरूरी मदद न मिलने पर आज भी आक्रोशित हैं। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसका ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने की कोशिश की, लेकिन वे बुरी तरह असफल हुए। सच्चाई यह है कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने आपदा से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की थी। इसके अलावा, राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित लोगों को राहत देने में भी बहुत ज्यादा देरी की, इसलिए आज पूरे प्रदेश में कांग्रेसी नेताओं को लेकर बहुत आक्रोश है।”
श्री ठाकुर ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “राज्य सरकार के निठल्लेपन के ठीक विपरीत आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सदैव हिमाचल को प्राथमिकता दी। उन्होंने आपदा के समय स्वयं मुख्यमंत्री जी से बात कर स्थिति का जायजा लिया और सभी जरूरी मदद सुनिश्चित कराई। NDRF की 13 टीमों को बचाव नौकाओं और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ तैनात किया गया। नागरिकों की निकासी के लिए पोंटा साहिब में सेना के 1 पैरा एसएफ और 205 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन की 01 कॉलम भी तैनात की गई थी। इसके साथ ही बचाव कार्यों के लिए भारतीय वायु सेना के 02 एमआई-17 वी हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए थे, जिससे समय रहते हजारों जानें बचाई जा सकीं। नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के माध्यम से भी मदद दी गई। मैं स्वयं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री जेपी नड्डा जी के साथ कई दिनों तक हिमाचल में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रहा और पूरे क्षेत्र का सघन दौरा कर राहत व बचाव कार्यों को आखिरी पीड़ित तक सुनिश्चित कराया।”
श्री ठाकुर ने यह भी बताया, “भाजपा राज में हुए ‘स्वा चैनलाइजेसन’ से आपदा में बड़ा खतरा टला गया था। स्वा नदी को कभी ‘रिवर ऑफ सॉरो’ कहा जाता था। यहां बाढ़ के कारण करोड़ों रुपए का नुकसान होता था। 1988 में कई पुल बह गए थे। नदी बारिश और बाढ़ आने पर दोनों ओर कई किलोमीटर तक फैली जाती थी। मगर इस बार पुल ठीक हैं। इस चैनलाइजेसन के कारण जान-माल की भी बचत हुई और जमीनों के दाम भी बढ़े। आपदा में जब भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता समाज सेवा में अपना सर्वत्र न्योछावर कर रहा था, तब कांग्रेस के लोग ओछी राजनीति में व्यस्त थे। हिमाचली जनता यह कभी नहीं भूलेगी कि जब लोगों को राहत पहुंचाने की जरूरत थी, तब राज्य सरकार ने वैट में ₹3 की बढ़ोतरी की।”
इस प्रकार, श्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और भाजपा द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश को दी गई आर्थिक मदद और राहत कार्यों का विस्तार से वर्णन किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का विशेष रूप से उल्लेख किया गया।