चिराग तले अंधेरा : पंजसेई-सेरी-गोसण सड़क का काम नहीं करवा पा रही सरकार !

रोजाना24,चम्बा : किसी देश या क्षेत्र के विकास में वहां की सड़कों का मुख्य योगदान होता है.देश,प्रदेश,जिला व उपमंडल मुख्यालयों व उसके आसपास लोगों का जीवन स्तर काफी अच्छा होता है,वहां रोजगार के साधन भी ज्यादा मिलते हैं क्योंकि यह मुख्यालय बेहतर सड़कों से जुड़े होते हैं.लेकिन यह उपमंडल भरमौर के परिप्रेक्ष्य में नहीं कहा जा सकता क्योंकि यहां दूर दराज के गांवों की  सड़कों की बात छोड़िए मुख्यालय की ग्राम पंचायत भरमौर के कई गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं.मुख्यालय के साथ लगते सेरी,खौलेड़,धरकौता,खरीया,गोआ,गोसण के गांव आज भी सड़क मार्ग से अछूते हैं.

सड़क मार्ग की मांग करते करते इन गांवों की कई पीढ़ियां गुजर गई हैं.सरकार चाहे भाजपा की हो या कांग्रेस की,क्षेत्र के जन प्रतिनिधि भले ही कैबिनेट मंत्री विस स्पीकर रह चुके हों,लेकिन सड़क है कि बनती ही नहीं.यहां यह जानना भी जरुरी है कि पूर्व के दोनों जन प्रतिनिधि इसी पंचायत के मतदाता हैं व मौजूदा विधायक भी इसी पंचायत के मतादाता हैं.लेकिन इन गांवों के यह तीनों नेता सड़क नहीं बनवा पाए हैं.

जब राजनेता सड़क मार्ग नहीं बनवा पाए तो गांव के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी को सड़क निर्माण के लिए ज्ञापन सौंपा.सेरी गांव के देवदत्त नामक व्यक्ति अगुआयी में इस प्रतिनिधि मंडल ने एडीएम भरमौर को अवगत करवाते हुए कहा कि पंजसेई गांव से सेरी की ओर निर्माणाधीन सड़क मार्ग का कार्य पंजसेई गांव के लोगों द्वारा रोक दिए जाने के कारण ठप्प पड़ गया है.उन्होंने कहा कि काम रोकने का कोई आधार भी नहीं है.क्योंकि जिस भूमि में सड़क मार्ग बनेगा वह सरकारी है.लेकिन ग्रामीण नाग देवता के क्रोधित होने का हवाला देकर सड़क मार्ग कार्य को रोक रहे हैं.प्रतिनिधि मंडल ने प्रशासन से जल्द इस सड़क मार्ग के कार्य को पूरा करने की मांग की.

गौरतलब है कि पंजसेई गांव तक सड़क कई वर्ष पूर्व ही बन चुकी है बावजूद इसके गांव के कुछ लोगों ने सेरी गोसण के लिए निर्माणाधीन सड़क मार्ग के लिए अपनी भूमि दे दी.लेकिन गांव में ही स्थित नाग मंदिर के पास सड़क पहुंचते ही कार्य बंद करवा दिया गया.

अब यहां समझने वाली बात यह है कि गांव के लोगों को पहले से पता था कि यह सड़क नाग मंदिर के पास से होकर गुजरेगी तो वे इसका निर्माण कार्य शुरू ही न होने देते तो देव आस्था का तर्क माना जा सकता था.लेकिन यहां तो अपना हित पूरा होने के बाद कार्य में अड़चन डालने की नीयत दिख रही है.प्रतिनिधि मंडल ने कहा पंजसेई गांव के मात्र कुछ लोग ही सड़क निर्माण कार्य में अड़चन पैदा कर रहे हैं.जिन्हें प्रशासन ही समझा सकता है.

बताते चले कि इन गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए पूर्व वन मंत्री ठाकर सिंह भरमौरी ने भी प्रयास किया था लेकिन सड़क का निर्माण एक डंगे से आगे नहीं बढ़ पाया.

ऐसी स्थिति ग्राम पंचायत खणी के अर्की गांव व एकलव्य विद्यालय भवन के लिए बनने वाली सड़क के लिए भी बनी थी. खणी गांव के लोगों ने अपने गांव तक तो सड़क पहुंचने दी लेकिन विद्यालय व अर्की गांव के लिए सड़क निर्माण बंद करवा दिया था.सड़क न होने पर जब पंचायत से आदर्श एकलव्य आवासीय विद्यालय के शिफ्ट होने प्रक्रिया शुरू हुई तब जाकर ग्रामीण स्वयं सड़क के लिए आगे बढ़े.अपनी ऐसी जिद्द के कारण ग्राम पंचायत छतराड़ी भी कई कई सरकारी संस्थान भवनों को गंवा कर अपने विकास के रास्ते बंद कर चुकी है.इस पंचायत में महाविद्यालय आई टी आई जैसे बड़े संस्थानों के भवन निर्मित किए जाने थे लेकिन ग्रामीण सड़क मार्ग के लिए जमीन देने के लिए राजी नहीं हुए फलस्वरूप यहां महाविद्यालय भी नहीं बन पाया वहीं आई टी आई भवन भी निजि भवन में सीमित सुविधाओं के बीच किसी तरह चल रहा है.  

अगर पंजसेई से पट्टी तक एक लिंक मार्ग बन जाता है तो इस सड़क मार्ग पर भी कई लोगों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान हो जाएंगे वहीं यहां के बागवानों को भी अपनी फसल मंडी तक पहुंचाने में आसानी होगी.इसके अलावा स्वास्थ्य सेवा के लिए मीलों पैदल चढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी.