एचआरटीसी में प्रेशर कुकर का भी किराया: जयराम ने सुक्खू सरकार को घेरा

एचआरटीसी में प्रेशर कुकर का भी किराया: जयराम ने सुक्खू सरकार को घेरा

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर एचआरटीसी (हिमाचल पथ परिवहन निगम) की बसों में अतिरिक्त किराया वसूलने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला किया है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए यह मुद्दा उठाया और कहा कि अब हिमाचलवासियों को शादी के एलबम, बुजुर्गों की दवाइयां, बच्चों के बस्ते, खिलौने, और यहां तक कि खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रेशर कूकर को भी अपने घर तक ले जाने के लिए किराया देना पड़ रहा है।

जयराम ठाकुर का तीखा बयान

जयराम ठाकुर ने इसे “शर्मनाक” बताते हुए कहा,
“उपमुख्यमंत्री रोज़ मीडिया और विपक्ष को कोसते हैं, और मातृशक्ति से कूकर, तवे और चिमटे का भी किराया वसूल रहे हैं।”
उन्होंने इसे सुक्खू सरकार की “पतन की व्यवस्था” करार दिया और इसे मातृशक्ति के खिलाफ कदम बताया। ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में महिलाओं को एचआरटीसी की बसों में 50 प्रतिशत किराए की छूट दी थी, जबकि मौजूदा कांग्रेस सरकार छोटे घरेलू सामान पर भी किराया लगाकर जनता को परेशान कर रही है।

मामला क्यों गर्माया?

हाल के दिनों में एचआरटीसी द्वारा सामान पर अतिरिक्त किराया वसूलने की खबरें आई हैं, जिसने स्थानीय बाजारों और परिवहन में भारी असुविधा खड़ी कर दी है। लोग शिकायत कर रहे हैं कि अब घरेलू जरूरतों का सामान ले जाने पर भी उन्हें अतिरिक्त किराया चुकाना पड़ रहा है। सोशल मीडिया मे एक प्रेशर कुकर की फोटो के साथ वसूल किया गया किराया दिखाया गया है, जिसमे मण्डी से औट 42 किलोमीटर दूरी के लिए प्रेशर कुकर का 23 रुपए किराया वसूल किया गया है।

सोशल मीडिया मे एक प्रेशर कुकर की फोटो के साथ वसूल किया गया किराया दिखाया गया है, जिसमे मण्डी से औट 42 किलोमीटर दूरी के लिए प्रेशर कुकर का 23 रुपए किराया वसूल किया गया है।

कांग्रेस सरकार पर बढ़ते हमले

पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को महिलाओं और आम जनता से जोड़ते हुए इसे “जनविरोधी” कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे साफ़ झलकता है कि मौजूदा सरकार न केवल प्रशासनिक मोर्चे पर विफल हो रही है बल्कि आम जनता की सुविधाओं में कटौती कर रही है।

सुक्खू सरकार की ओर से अभी इस आरोप पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कांग्रेस के नेता बार-बार यह दावा करते आए हैं कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं।

यह मुद्दा हिमाचल की राजनीति में नई सियासी खींचतान का कारण बन गया है, जिसमें भाजपा इसे महिलाओं और आम जनता से जोड़कर बड़ा राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिश कर रही है।