पठानकोट से भरमौर के रास्ते सेना के जवान अब चीन सीमा तक आसानी से पहुंच सकेंगे। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने चंबा जिले के भरमौर से लाहौल स्पीति के उदयपुर होते हुए लेह-लद्दाख तक एक वैकल्पिक सड़क निर्माण की योजना बनाई है। यह सड़क सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होगी और सेना के लिए चीन सीमा तक पहुंचने का एक नया मार्ग खोलेगी। इस नई सड़क का निर्माण करीब 35 किमी तक होगा, जिसमें लगभग चार किलोमीटर लंबी एक टनल भी शामिल होगी।
बीआरओ के चीफ इंजीनियर अजय कुमार ने हाल ही में शिमला में हिमाचल प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) ओंकार शर्मा से मुलाकात की और इस सड़क निर्माण का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस बैठक में भरमौर-कुगती सड़क को चौड़ा करने और पठानकोट-भरमौर एनएच की हालत सुधारने पर भी चर्चा की गई।
सड़क सामरिक और नागरिक दोनों के लिए लाभकारी
एसीएस ओंकार शर्मा ने इस बात की पुष्टि की कि यह सड़क सेना के लिए अत्यधिक लाभकारी होने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए भी फायदेमंद होगी। स्थानीय जनता को एक नए और सुगम रास्ते का लाभ मिलेगा, जो उनके लिए नए अवसर और रोजगार के साधन भी लेकर आएगा। सेना के जवानों के लिए यह सड़क एक वैकल्पिक मार्ग बनेगी, जिससे वे पठानकोट से भरमौर, कुगती, और लाहौल स्पीति के उदयपुर होते हुए लेह-लद्दाख तक कम समय में पहुंच सकेंगे।
पठानकोट से लेह की दूरी में आएगी कमी
अभी तक सेना के जवानों को मंडी, कुल्लू, और रोहतांग होते हुए लेह तक पहुंचने के लिए करीब 600 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। इस नई सड़क के निर्माण के बाद पठानकोट से लेह की दूरी में करीब 200 किमी की कमी आएगी। इससे सेना की मूवमेंट में न केवल तेजी आएगी, बल्कि समय और संसाधनों की भी बचत होगी। कुगती तक पहले से ही सड़क बनी हुई है, लेकिन इसे और चौड़ा किया जाएगा ताकि बड़े वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सके।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में सरकार से सहयोग
बीआरओ ने इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने में सहयोग मांगा है। इसके अलावा, पठानकोट-भरमौर एनएच की हालत को सुधारने के लिए भी बीआरओ ने जरूरी कदम उठाने की बात कही है। फिलहाल, जहां भी हाईवे संकरा है, उसे चौड़ा करने की आवश्यकता है ताकि इस मार्ग पर सेना के बड़े काफिलों की आवाजाही बिना किसी दिक्कत के हो सके।
सीमा तक पहुंचेगी सेना
बीआरओ के अनुसार, यह सड़क सामरिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण होगी क्योंकि इससे सेना के जवान चीन सीमा तक एक सुरक्षित और तेज मार्ग के माध्यम से पहुंच सकेंगे। यह नई पहल न केवल देश की सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि हिमाचल प्रदेश के चंबा और लाहौल स्पीति जिलों के विकास में भी एक अहम भूमिका निभाएगी।
यह सड़क हिमाचल प्रदेश के लिए एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट होगा, जिससे न केवल सैन्य जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि स्थानीय नागरिकों के लिए भी आवागमन में सुविधा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।