हिमाचल प्रदेश की भरमौर विधानसभा शिक्षा व्यवस्था में शिक्षकों की कमी एक गंभीर मुद्दा बनकर सामने आ रही है। इस समस्या के समाधान के लिए हिमाचल परिवहन निगम के निदेशक और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के युवा नेता, अधिवक्ता सुरजीत भरमौरी ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर शिक्षा खंडों में रिक्त JBT और TGT पदों को तत्काल भरने की मांग की है।
भरमौर, गेहरा, मेहला-1, मेहला-2, पांगी जैसे शिक्षा खंडों में JBT के कुल 145 रिक्त पदों के साथ-साथ TGT Arts के 42, TGT Non Medical के 53 और TGT Medical के 20 पदों का समावेश है, जो कि कुल मिलाकर 115 पद बनते हैं।
अधिवक्ता भरमौरी के पत्र के अनुसार, इन शिक्षा खंडों में कई स्कूलों में JBT और TGT शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं, जिसका सीधा असर विद्यार्थियों की शिक्षा पर पड़ रहा है। प्रत्येक विद्यालय में कई पदों के खाली होने की सूचना दी गई है। इनमें GPS Kugti, GPS Balmui, GPS Gharat, GPS Supa, और अन्य कई स्कूल शामिल हैं। इसके अलावा, गरोला ब्लॉक में भी कई स्कूलों जैसे GPS R/Kothi, GPS Jagat, और GPS Samra में JBT शिक्षकों के पद रिक्त हैं। और भी कई स्कूल हैं जिनमें यह रिक्तियां मौजूद हैं, जैसे कि GSSS AURA, GSSS BHARMOUR (G), GSSS HILLI, GSSS HOLL, और GSSS KARYUNI इटियादी। इन स्कूलों में खाली पदों की संख्या के साथ-साथ उन्हें भरने की जरूरत पर भी प्रकाश डाला गया है।
यह मुद्दा सिर्फ एक या दो स्कूलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक समस्या का हिस्सा है जो राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है। शिक्षकों की कमी ना केवल छात्रों के अध्ययन पर असर डालती है बल्कि यह भविष्य के लिए एक चिंताजनक स्थिति को भी जन्म देती है।
माननीय शिक्षा मंत्री ने दिए बैच वाइज भर्ती के आदेश
माननीय शिक्षा मंत्री ने निदेशक शिक्षा को निर्देशित किया है कि वे भरमौर विधानसभा क्षेत्र में बैच वाइज TGT और JBT की भर्ती करें और इस कार्य को वरियता आधार पर पूरा करें। इस प्रयास से स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या का समाधान होगा और शिक्षा का स्तर उन्नत होगा।
स्थानीय निवासियों ने अधिवक्ता सुरजीत भरमौरी की इस पहल का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे उनके बच्चों की शिक्षा में सुधार होगा। इस क्षेत्र में शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए शिक्षकों की भर्ती एक महत्वपूर्ण कदम है और सरकार द्वारा इसे प्राथमिकता देना एक सराहनीय प्रयास है।