भरमौर और तीसा बनाए जाएंगे मॉडल ब्लॉक- वीरेंद्र कंवर

रोजाना24,चम्बा : मनरेगा योजना के तहत तीसा और भरमौर को मॉडल ब्लॉक के तौर पर विकसित किया जाएगा और इस मॉडल को अन्य जगहों पर भी लागू किया जाएगा ताकि ग्रामीण विकास की समग्र अवधारणा को पूरे प्रदेश में एक समान कार्यान्वित किया जा सके। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, कृषि, पशुपालन व मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने यह बात आज चुराह विधानसभा क्षेत्र के तहत तीसा में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन के दौरान कही। वीरेंद्र कंवर ने तीसा ब्लॉक में एक पंचायत चार काम योजना की तारीफ करते हुए कहा कि इसके तहत प्रत्येक 3 महीने के लिए हरेक पंचायत में चार बड़े काम शुरू किए जाएंगे। तीन  महीने की अवधि में जब यह कार्य पूरे होंगे तो दोबारा उसी तर्ज पर अगले 3 महीने के लिए लक्ष्य तय किया जाएगा। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मनरेगा  कन्वर्जेंस को कृषि, बागवानी, पेयजल, सिंचाई और पशुपालन जैसे कार्यों और स्कीमों में भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज के नेतृत्व में चुराह विधानसभा क्षेत्र में जो चहुंमुखी विकास हो रहा है वो इस क्षेत्र को भविष्य में एक नई पहचान देगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास की अवधारणा तभी जमीनी हकीकत ले पाएगी जब ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में नई गतिविधियां शामिल होंगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनरेगा योजना के दायरे को और बढ़ा दिया है। मनरेगा के तहत 260 विभिन्न तरह के कार्यों को अंजाम दिया जा सकता है। उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि वे मनरेगा कन्वर्जेंस के साथ जुड़कर अपना और अपने क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित करें। वीरेंद्र कंवर ने जानकारी देते हुए बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश को मनरेगा के तहत 2 करोड़  75 लाख  मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन बीते 5 महीनों में ही दो करोड़ से ज्यादा मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं। यह साफ दर्शाता है कि मनरेगा योजना में कन्वर्जेंस शामिल करने से ग्रामीण विकास का कायाकल्प हो रहा है। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि अब प्रदेश में पंचायत घरों का निर्माण इस तरीके से होगा कि उनमें किसी भी मिनी सचिवालय की तरह एक ही छत के नीचे ग्रामीण विकास से जुड़े विभिन्न विभागों की सुविधाएं लोगों को उपलब्ध हो सकें।वीरेंद्र कंवर ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत प्रदेश में 12 सौ करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नई गठित पंचायतों के नए पंचायत घर भी निर्मित होंगे और उनके लिए आवश्यक स्टाफ की भर्ती भी की जाएगी। उन्होंने विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि जल्द नए पंचायत घरों के निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करें ताकि पंचायत घरों के निर्माण के लिए धनराशि मुहैया की जाए। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 15वें वित्त आयोग के तहत भी हिमाचल प्रदेश में 529 करोड़ रुपए ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं में खर्च किए जाएंगे।उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन में कलस्टर आधारित गतिविधियों को शुरू करने की नितांत आवश्यकता है ताकि किसी भी क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने किसानों का आह्वान किया और कहा कि वे जैविक खेती के अलावा नकदी फसलों को उगाने के प्रति अब पूरी तरह से जागरूक होकर कार्य करें। ग्रामीणों को भेड़- बकरी व्यवसाय के साथ जुड़ने को लेकर भी आगे आना चाहिए। राज्य सरकार इस व्यवसाय में 95 फ़ीसदी तक की सब्सिडी बीपीएल परिवार को उपलब्ध करवा रही है। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि चुराह घाटी में ठंडे पानी के मत्स्य पालन की बहुत बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। इस क्षेत्र में विशेषकर ट्राउट मछली पैदा हो सकती है जिसके बाजार में बहुत अच्छे दाम मत्स्य पालकों को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार होगा जब हिमाचल प्रदेश का हरेक गांव आत्मनिर्भर बनेगा और इसमें मनरेगा सबसे अहम भूमिका अदा कर सकता है। कोविड- 19 का जिक्र करते हुए वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हुई है। केंद्र में पारित कृषि बिल को लेकर  उन्होंने कहा कि इससे किसानों के हित बिचौलियों से पूरी तरह से सुरक्षित होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को मिलने वाला समर्थन मूल्य भी पहले की भांति किसानों को मिलता रहेगा।हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य के किसानों को तो कृषि बिल का बहुत बड़ा लाभ मिलने वाला है। इस बिल की वजह से अब किसानों को यह स्वतंत्रता मिली है कि जहां उन्हें अपने उत्पादों का बढ़िया दान मिले वे उसी जगह अपने उत्पाद को बेच सकतें हैं। इस मौके पर वीरेंद्र कंवर ने बालिकाओं की माताओं को बेबी किट के उपहार भेंट किए और पोषण अभियान पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इससे पूर्व ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित 6 किलोमीटर लंबे दुद्रा संपर्क मार्ग का लोकार्पण करने के अलावा धार और चांजू में निर्मित होने वाले पंचवटी पार्क का शिलान्यास भी किया। विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में समूचे चुराह विधानसभा क्षेत्र में करीब 125 संपर्क मार्गों के कार्य प्रगति पर हैं और जल्द ही इन्हें पूरा भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तीसा क्षेत्र में लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग के अलग मंडल कार्यालय के अलावा सब जज कोर्ट को खोला गया है। इसके अलावा उप मंडलीय मुख्यालय भंजराड़ू में करीब 19 करोड़ की लागत से आधुनिक बस स्टैंड का निर्माण प्रगति पर है। करोड़ों की लागत से निर्मित होने वाला मिनी सचिवालय भवन भी आने वाले कुछ साल में यहां के लोगों को अपनी सेवाएं देना शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि समूचे चुराह विधानसभा क्षेत्र का समग्र विकास प्राथमिकताओं में शामिल है और इस दिशा में तय की गई कार्य योजना के तहत सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। विधानसभा उपाध्यक्ष ने चुराह विधानसभा क्षेत्र में 11 नई पंचायतों के गठन के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर का आभार भी जताया।कार्यक्रम में एसडीएम मनीष चौधरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जगदीश राणा,अधिशासी अभियंता लोक निर्माण दीपक महाजन,अधिशासी अभियंता जल शक्ति केवल शर्मा, अधिशासी अभियंता बिजली बोर्ड पवन शर्मा, जिला भाजपा महामंत्री वीरेंद्र ठाकुर, मंडल अध्यक्ष ताराचंद, पंचायत समिति उपाध्यक्ष बोधराज, मंडल महामंत्री मुंनयान खान व यशपाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष तेज सिंह वर्मा, उपाध्यक्ष शुभम ठाकुर, युवा मोर्चा अध्यक्ष अमन राठौर, अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष गोविंद सिंह, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष हुसैन मोहम्मद, युवा मोर्चा उपाध्यक्ष कुलवंत शर्मा, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र राणा, पंचायत प्रधान कृष्णा महाजन, देवराज व लता कुमारी भी मौजूद रहे।