रोजाना24,शिमला (जितेंद्र) : आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला शिमला के कार्यकर्ताओं द्वारा विश्वविद्याालय नियामक आयोग कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर दरवाजे पर ताला जड़ दिया।
जिला संयोजक सचिन ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि बीते समय से चले आ रहे डिग्रियों के फर्जीवाड़े को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि आज शिक्षा के क्षेत्र में जिस प्रकार से फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं उसमें हिमाचल प्रदेश का नाम भी ऊपरी पायदान पर है.हिमाचल के दो निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्री घोटाला हुआ है. जिसका विद्यार्थी परिषद कड़ी शब्दों में निंदा करता है । शिक्षा कोई वस्तु नहीं जिसे बाजारों में बेचने के लिए रखा जाए , लेकिन प्रदेश के अंदर जो शिक्षा को बेचने का काम किया जा रहा है उससे छात्रों में आक्रोश है। प्रदेश की इन निजी विश्वविद्यालयों ने विद्यार्थियों से पैसे लेकर उन्हें फर्जी डिग्रियां तैयार कर बेचीं है । ये कार्य पिछले दस सालों से धडल्ले और निडरता के साथ किया जा रहा है. UGC ने भी इन निजी विश्वविद्यालय से संबंधित 30 अगस्त 2019 को नियामक आयोग को पत्र लिखा परंतु नियामक आयोग द्वारा अभी तक भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के दो विश्वविद्यालयों APG विश्वविद्यालय शिमला और मानव भारती विश्वविद्यालय सोलन ने पिछले 10 सालों में करीब 7 लाख डिग्रियां बेची हैं । प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग को इसीलिए बनाया गया है ताकि शिक्षा का व्यवसायीकरण न हो.लेकिन अभी तक भी नियामक आयोग और सरकार अपने इस कुकृत्य पर चुप्पी साधे हुए हैं। सचिन ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों ने अपने एजेंट के माध्यम से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, पश्चिम बंगाल सहित दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में डिग्रियां बेची हैं। डिग्री के नाम पर लाखों रुपये लिए गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार के फर्जीवाड़े का विद्यार्थी परिषद कड़े शब्दों में विरोध करता है।
सचिन ने कहा कि आज जब विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता नियामक आयोग के कार्यालय में जाते हैं तो नियामक आयोग अध्यक्ष वहाँ से भाग जाता है.और जब हमने वहाँ पर उपस्थित कर्मचारियों से उन्हें बुलाने को कहा तो विश्वविद्यालय नियामक आयोग की सचिव व सभी सदस्यों का भी कहना था कि उन्हें भी अपने हिसाब से कार्य करने से अध्यक्ष द्वारा रोक जाता है और तानाशाही रवैया अपनाया जाता है जिसके चलते वहाँ का कोई भी कर्मचारी नियामक आयोग के अध्यक्ष से बात तक करने को राजी नही है।
नियामक आयोग अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग.
विहिप प्रांत मंत्री राहुल राणा ने चेतावनी देते हुए कहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार के फर्जीवाड़े के ख़िलाफ़ विद्यार्थी परिषद आने वाले समय मे नियामक आयोग और सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोल देगी। यदि नियामक आयोग अध्यक्ष को बरख़ास्त न किया गया तो विद्यार्थी परिषद सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में मोर्चा खोल देगी और यदि फिर भी सरकार इन फर्जीवाड़ों पर गौर नहीं करती तो विद्यार्थी परिषद आने वाले समय में विधानसभा का घेराव करने से भी परहेज नहीं करेगी।