रोजाना24,शिमला : आईजीएमसी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक राज आईजीएमसी में रंग रोगन के मामले में शिमला ग्रामीण विस के विधायक विक्रमादित्या सिंह की नजरों में खटकने लगे हैं.आईजीएमसी शिमला परिसर में हो रहा रंग रोगन विक्रमादित्या सिंह को पसंद नहीं आया है.परिसर में किए जा रहे संतरी व हरे रंग पर आपत्ति जताते हुए विक्रमादित्या सिंह ने कहा कि अस्पताल के अधीक्षक स्वास्थ्य संस्थान में संतरी व हरा रंग पोत कर संस्थान का भगवाकरण कर रहे हैं.वे यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने डॉ जनक राज के आरएसएस शिविरों में भाग लेने पर भी आपत्ति जताई.उन्होंने कहा कि आज सचिवों,उपायुक्तों की बात नहीं मानी जाती बल्कि संघ के लोगों की बात ज्यादा गम्भीरता से ली जा रही है.उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में कार्यवाही करने की मांग की.
इस संदर्भ में जब आईजीएमसी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक राज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थान में रंग रोगन का कार्य अभी चल रहा है.रंगों का चयन का निर्णय उनका अपना नहीं बल्कि केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना सूचना पट्ट के लिए निर्धारित रंगों के अनुसार किया गया है.जिसमें अभी और रंग जुड़ेंगे.उन्होंने कहा कि मैं निर्धारित सेवाकाल से अधिक समय अस्पताल व मरीजों को देता हूं. इसके बाद अपने बचे हुए समय का उपयोग मैं समाजसेवा के लिए अपनी इच्छानुसार करता हूं.और यह मेरी जिंदगी का हिस्सा है.मैं किसी की निजि जिन्दगी में हस्ताक्षेप नहीं करता.
विक्रमादित्या सिंह के ब्यान पर उन्होंने कहा कि वे निजि तौर पर उनका सम्मान करके हैं लेकिन उन्होंने काम पूरा होने से पहले ही मुझे गुनाहगार बता दिया.
विक्रमादित्या सिंह के ब्यान के बाद राजनैतिक हल्कों में सरगर्मियां बढ़ गई हैं.लोगों का मानना है कि कांग्रेस को लगता है कि डॉ जनक राज लोस चुनावों में भाजपा का चेहरा हो सकते हैं इसलिए उनपर ऐसे आरोप लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है.गौरतलब है कि विस चुनावों के दौरान भी डॉ जनक राज भाजपा में टिकट की दावेदारी जता चुके हैं.वहीं प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर तमाम मंत्रियों व केंद्रीय मंत्रियों तक वे अच्छी पहचान रखते हैं.वहीं दूसरी ओर चम्बा व कांगड़ा जिलों में उनका नाम काफी प्रभाव रखता है.
ताजा मामले के बाद अब क्या नये ब्यान आते हैं जानने के लिए बने रहें रोजाना24 के साथ.