आज के दौर में सभी लोग पैसे कमाने के लिए भागदौड़ में व्यस्त हैं और लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पा रहे | और ना ही ठीक से टाइम निकाल पा रहे हैं और धीरे-धीरे लोग भयानक बीमारियों की जकड़ में आते जा रहे हैं |आधुनिक दवाइयों के होने वाले साइड इफेक्ट के कारण योग मैं बहुत संभावनाएं है |
इसी वजह से आज के दौर में एक एक नए रोजगार को जगह दी है इस क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। योग शिक्षा और प्रशिक्षण के बाद आप स्वयं योग-कक्षाएं लगा सकते हैं। इसके लिए सिर्फ आपके पास साफ-सुथरा स्थान तथा स्वस्थ माहौल होना चाहिए। खुली जगह सर्वोत्तम रहती है।
रोजगार की संभावनाएं : वर्तमान में भारत में 30 से ज्यादा कॉलेजों में योग विषय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं। किसी भी क्षेत्र के स्नातक योग से संबंधित पाठ्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर पर ये पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, अथवा स्नातकोत्तर डिप्लोमा स्तर का एक वर्ष का पाठ्यक्रम भी कराया जाता है। यहां यह भी जानना आवश्यक है कि कॉलेजों के अलावा देशभर में कई योग अध्ययन केंद्र भी हैं।
योग पाठ्यक्रम में निम्नलिखित विषय शामिल हैं- शरीर रचना, दर्शन, ध्यान, व्यायाम तथा योग और ध्यान का सिद्धांत व नियम। व्यावहारिक पक्ष में योगासन, सूर्य नमस्कार तथा प्राणायाम जैसे विभिन्न आसन दिखाए जाते हैं।
ये हैं योग के संस्थान :
– डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा (उप्र)।
– अमरावती विश्वविद्यालय, अमरावती (महाराष्ट्र)।
– गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद (गुजरात)।- गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार (उत्तरांचल)।
– मुम्बई विश्वविद्यालय, एम.जी. रोड, फोर्ट, मुम्बई (महाराष्ट्र)।
– अंत:प्रज्ञा, ईस्ट ऑफ कैलाश, नई दिल्ली (नईदिल्ली)।
– देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर (मध्यप्रदेश)।