चंबा के स्कूलों में पुराने भारत के नक्शों का उपयोग, विधायक डॉ. जनक राज ने जताई गहरी चिंता

चंबा के स्कूलों में पुराने भारत के नक्शों का उपयोग, विधायक डॉ. जनक राज ने जताई गहरी चिंता

डीसी को लिखा डी.ओ. पत्र, स्कूलों में अपडेटेड राष्ट्रीय नक्शों को अनिवार्य बनाने की मांग

चंबा जिले के कुछ सरकारी और निजी स्कूलों में आज भी भारत के पुराने नक्शे प्रदर्शित किए जा रहे हैं, जिन्हें लेकर पांगी-भरमौर क्षेत्र के विधायक डॉ. जनक राज ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इस संबंध में उपायुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल को 31 मई 2025 को लिखे गए डी.ओ. पत्र (संख्या 2025-26/MLA-BMR/24) के माध्यम से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

गलत जानकारी फैला रहे हैं पुराने नक्शे
डॉ. जनक राज ने पत्र में लिखा है कि कई स्कूलों में आज भी ऐसे नक्शे प्रदर्शित किए जा रहे हैं, जो भारत की वर्तमान और आधिकारिक सीमाओं को सही तरीके से नहीं दर्शाते। यह न केवल छात्रों को भ्रामक जानकारी देने वाला है, बल्कि इससे राष्ट्रीय अखंडता और संवेदनशील क्षेत्रीय विषयों पर भी गलत प्रभाव पड़ता है।

“भविष्य की पीढ़ी को तथ्यात्मक और अद्यतन जानकारी देना हमारी ज़िम्मेदारी है। छात्रों को देश की भौगोलिक सच्चाई से अवगत कराना बेहद ज़रूरी है।”
डॉ. जनक राज, विधायक पांगी-भरमौर

डीसी को निर्देश जारी करने का आग्रह
विधायक ने उपायुक्त से आग्रह किया कि वह शिक्षा विभाग और संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दें कि सभी स्कूलों में पुराने नक्शों को हटाकर भारत सरकार द्वारा अनुमोदित नवीनतम आधिकारिक नक्शे लगाए जाएं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस संबंध में एक त्वरित सर्वेक्षण करवाया जाए ताकि यह स्थिति स्पष्ट हो सके कि किन स्कूलों में अभी तक पुराने नक्शों का उपयोग किया जा रहा है।

राष्ट्रीय जागरूकता और गौरव का सवाल
डॉ. जनक राज ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि यह पहल न केवल सही शिक्षा को बढ़ावा देगी, बल्कि छात्रों में राष्ट्रभक्ति, क्षेत्रीय समझ और राष्ट्रीय गर्व की भावना भी विकसित करेगी।

“यह सिर्फ एक शैक्षणिक त्रुटि नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय जागरूकता का मामला है। हमें अपने विद्यार्थियों को भारत की वास्तविक सीमाओं और भौगोलिक संरचना की सटीक जानकारी देनी चाहिए।”

क्या कहती है नीति?
भारत सरकार और NCERT द्वारा समय-समय पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सीमाओं, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसी संवेदनशील भौगोलिक इकाइयों को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं। इनके अनुसार शैक्षणिक सामग्री में केवल अधिकृत मानचित्र का प्रयोग अनिवार्य है।

अब निगाहें प्रशासन पर
अब सभी की नजरें डीसी चंबा की कार्रवाई पर हैं। क्या वह जल्द ही शिक्षा विभाग को आदेश जारी करेंगे, और क्या स्कूल प्रशासन तत्काल प्रभाव से सुधारात्मक कदम उठाएंगे – यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।