स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी पर अब न्यायिक हस्तक्षेप की मांग, रोज़ाना 24 की निरंतर रिपोर्टिंग के बाद विधायक डॉ. जनक राज ने दाखिल की CWP
रोज़ाना 24 की लगातार और साक्ष्य आधारित रिपोर्टिंग का बड़ा असर अब सामने आया है। भरमौर अस्पताल और इसके अंतर्गत आने वाले प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों व स्टाफ की भारी कमी को लेकर स्थानीय विधायक डॉ. जनक राज ने आखिरकार हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। यह वही मुद्दा है, जिसे रोज़ाना 24 ने महीनों से जनहित में प्रमुखता से उठाया और अब यह मामला राज्य की सबसे बड़ी अदालत में पहुँच चुका है।
यह जनहित याचिका संविधान के अनुच्छेद 226 के अंतर्गत दाखिल की गई है और वर्तमान में ‘NOTICE BEFORE ADMISSION’ की स्थिति में है। अधिवक्ता सुमन ठाकुर और रविंदर सिंह ठाकुर की ओर से न्यायालय में पक्ष प्रस्तुत किया गया है।
⚖️ क्या है याचिका का मामला?
जनहित याचिका संख्या CWP No. HPHC010282852025, जो संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत दायर की गई है, इस समय “NOTICE BEFORE ADMISSION” की स्थिति में है। इस पर सुनवाई न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ द्वारा की जा रही है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुमन ठाकुर और रविंदर सिंह ठाकुर, तथा राज्य की ओर से महाधिवक्ता (AG) अदालत में उपस्थित हैं।
याचिका में प्रतिवादी बनाए गए हैं:
- प्रधान सचिव (स्वास्थ्य), हिमाचल प्रदेश सरकार
- सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
- निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं हिमाचल प्रदेश
🏥 भरमौर अस्पताल की स्थिति: जो रोज़ाना 24 ने बार-बार उजागर की
- भरमौर सिविल अस्पताल में कुल 11 स्वीकृत पद, लेकिन सिर्फ 2 डॉक्टर तैनात
- हर दिन औसतन 150 ओपीडी मरीज, हर महीने 2000 से अधिक रोगी
- 138 स्वीकृत स्वास्थ्य पदों में से 94 पद रिक्त, जिनमें 17 में से 19 स्वास्थ्य कार्यकर्ता पद भी खाली
- CHC होली: 15 में से 13 पद रिक्त
- PHC गरोला: 7 में से 5 पद रिक्त
- PHC मांधा: 4 में से 3 पद रिक्त
⚠️ मणिमहेश यात्रा से पहले चेतावनी
डॉ. जनक राज ने अपनी याचिका में आगाह किया है कि जुलाई-अगस्त में मणिमहेश यात्रा के दौरान 5 से 6 लाख श्रद्धालु भरमौर पहुंचते हैं, ऐसे में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी से कोई भी आपात स्थिति भयानक रूप ले सकती है।
📜 संवैधानिक अधिकारों का हवाला
याचिका में तर्क दिया गया है कि वर्तमान स्थिति भारत के संविधान के अनुच्छेद: 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) और 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है।
साथ ही राज्य सरकार पर अनुच्छेद 38 व 47 के तहत न्यायसंगत और समान स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित करने का दायित्व भी है, जिसे पूर्णतः उपेक्षित किया गया है।
📣 विधायक डॉ. जनक राज की मांगें
- भरमौर क्षेत्र में सभी रिक्त डॉक्टरों, विशेषज्ञों व स्टाफ नर्सों की तत्काल नियुक्ति
- स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों में आवश्यक स्टाफ की तैनाती
- स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समयबद्ध कार्य योजना तैयार की जाए
- दुर्गम क्षेत्रों में सेवा दे रहे चिकित्सकों को विशेष भत्ता और आवासीय सुविधा दी जाए
⏳ अगली सुनवाई की प्रतीक्षा
अब निगाहें न्यायालय की अगली कार्यवाही पर टिकी हैं। क्या अदालत कोई ठोस निर्देश देगी? क्या भरमौर के लोगों को अब उनके स्वास्थ्य का मौलिक अधिकार मिलेगा?
🗣 विधायक डॉ. जनक राज का बयान
रोज़ाना 24 से विशेष बातचीत में विधायक डॉ. जनक राज ने कहा:
“मैंने अपनी विधानसभा में बदतर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में केस किया है। अगली सुनवाई 28 को है।
मैंने अपने क्षेत्र की समस्याओं को मीडिया, सोशल मीडिया और विधानसभा में भी उठाया। स्वास्थ्य मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दिए गए आश्वासनों के बावजूद भी कोई समाधान नहीं हुआ। मजबूरन मुझे हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा।”
रोज़ाना 24 इस जनहित मुद्दे पर आगे भी निगाह बनाए रखेगा।
रोज़ाना 24 की खबरों की पृष्ठभूमि
रोज़ाना 24 ने भरमौर अस्पताल और इससे जुड़े क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्रों की वास्तविक स्थिति पर लगातार रिपोर्टिंग की थी। हमारी रिपोर्ट में बार-बार यह तथ्य सामने आया कि:
- भरमौर में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, 80% पद खाली: भरमौर अस्पताल में सिर्फ 2 डॉक्टर, 2 नर्स, 2 फार्मासिस्ट
- भरमौर के लोगों का दर्द कौन समझेगा? आठ साल का इंतजार, 24 करोड़ खर्च, फिर भी अस्पताल नहीं मिला! पुराना अस्पताल बना मज़ाक – सिर्फ दो डॉक्टर और 2 ही नर्सें, सुविधाएं नगण्य
भरमौर सिविल अस्पताल बिल्डिंग का मामला भी है अटका
रोज़ाना 24 इस मुद्दे पर भी काफी बार आवाज उठाई है लेकिन अभी तक कोई असर नहीं हुआ है।
5 साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद यह अस्पताल अब तक संचालित नहीं हो सका है, जिससे स्थानीय लोगों में निराशा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है। प्रशासन की ओर से कई बार दावे किए गए कि निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, लेकिन अस्पताल के खुलने की कोई निश्चित तिथि अभी तक सामने नहीं आई है।
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