शिमला, 18 मार्च – हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सोमवार को एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेता एक साथ नजर आए। भरमौर से विपक्षी विधायक डॉ. जनक राज ने सदन में ट्राइबल (जनजातीय) क्षेत्रों में अधिकारियों की भारी कमी का मुद्दा उठाया, जिस पर जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने भी सहमति जताई।
भरमौर में 43 पदों पर कार्यकारी अधिकारी कर रहे काम
भरमौर विधानसभा से विधायक डॉ. जनक राज ने सदन में जनजातीय क्षेत्रों में अधिकारियों की भारी कमी का मामला उठाते हुए बताया कि भरमौर जैसे दुर्गम क्षेत्र में 43 पदों को कार्यकारी अधिकारियों के माध्यम से चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे कृषि विभाग हो, स्वास्थ्य विभाग हो, ब्लॉक कार्यालय हो या अन्य महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद—हर जगह स्थायी अधिकारियों के बजाय कार्यकारी अधिकारी काम कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने इस बदहाल स्थिति पर सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि पहले से ही दुर्गम इस क्षेत्र में अधिकारियों की कमी के कारण विकास कार्य बाधित हो रहे हैं।
जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने किया समर्थन
आमतौर पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक देखी जाती है, लेकिन इस बार सदन में कुछ अलग हुआ। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने विपक्षी विधायक डॉ. जनक राज के मुद्दे का समर्थन करते हुए कहा कि वह खुद उनके साथ भरमौर क्षेत्र के दौरे पर जाते हैं और वहां के हालात से भली-भांति परिचित हैं।
उन्होंने स्वीकार किया कि भरमौर और अन्य जनजातीय क्षेत्रों में प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा रही है और एक-एक अधिकारी को 3-4 पदों का कार्यभार संभालना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के लिए एक विशेष नीति बनाने की आवश्यकता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां तैनात अधिकारी लंबे समय तक कार्य करें और बार-बार तबादले (ट्रांसफर) कराकर भागने की प्रवृत्ति पर रोक लगे।
मुख्यमंत्री ने दिया ठोस जवाब, जल्द होगी व्यवस्था में सुधार
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि जनजातीय विकास मंत्री सहित कैबिनेट से इस विषय पर पहले ही चर्चा हो चुकी है और सरकार इसे लेकर गंभीर है।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में अधिकारियों की तैनाती को तार्किक करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि ऐसे क्षेत्रों में जहां प्रशासनिक पद रिक्त पड़े हैं, वहां अधिकारियों की नियमित नियुक्ति की जा सके।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही भरमौर विधानसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे और स्थानीय प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता जनजातीय इलाकों के विकास को सुनिश्चित करना है, ताकि वहां के लोगों को बुनियादी सुविधाएं समय पर मिल सकें।