शिमला – हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई भारी बर्फबारी से प्रदेश को करीब 1 अरब रुपये का नुकसान हुआ है। विभिन्न विभागों की ओर से राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को हुआ है, जिसकी क्षति 75 करोड़ रुपये के करीब आंकी गई है।
किन्नौर, लाहौल-स्पीति और कुल्लू में सबसे ज्यादा नुकसान
प्रदेश के शिमला, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू और चंबा (पांगी) क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण बुनियादी ढांचे को भारी क्षति पहुंची है। हालांकि, अभी भी कुछ प्रभावित इलाकों के आंकड़े रिपोर्ट में शामिल नहीं हुए हैं। मौसम विभाग ने अगले एक सप्ताह तक बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है, जिससे नुकसान के बढ़ने की आशंका बनी हुई है।
पीडब्ल्यूडी, जलशक्ति और बिजली बोर्ड को भारी क्षति
बर्फबारी से सबसे अधिक नुकसान पीडब्ल्यूडी, जलशक्ति विभाग और बिजली बोर्ड को हुआ है। इसके अलावा पंचायती राज विभाग की कई योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत बने डंगे और छोटे मार्ग भारी बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं। पंचायत स्तर से इन क्षतियों का आकलन कर रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी।
मार्च के अंत तक दिल्ली जाएगी नुकसान की रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश सरकार इस नुकसान की रिपोर्ट मार्च के अंत तक केंद्र सरकार को भेजेगी। हिमाचल में बर्फबारी का सीजन अप्रैल तक रहता है, जिसके बाद केंद्रीय टीम नुकसान का आकलन करने राज्य का दौरा करेगी। इससे पहले, अक्टूबर 2024 में केंद्रीय टीम ने बारिश से हुए नुकसान का निरीक्षण किया था, जिसमें शिमला, कुल्लू और मंडी जिले सबसे अधिक प्रभावित थे।
2023 की बरसात में 1360 करोड़ का नुकसान, 55 लोग हुए थे लापता
2023 की बारिश के दौरान हिमाचल को 1360 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। 1 अगस्त को बादल फटने की घटना में 55 लोग लापता हो गए थे। उस समय विभिन्न विभागों द्वारा नुकसान की रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई थी, जिसमें –
- पीडब्ल्यूडी: ₹633 करोड़
- जलशक्ति विभाग: ₹540 करोड़
- बागवानी विभाग: ₹139 करोड़
- कृषि विभाग: ₹1.32 करोड़
- बिजली बोर्ड: ₹98 लाख
केंद्र से मिलने वाली मदद पर सवाल
हिमाचल सरकार पहले भी केंद्र सरकार से आपदा राहत कोष की मांग को लेकर सवाल उठाती रही है। 2022 में आई प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का अनुमान ₹12,000 करोड़ लगाया गया था, लेकिन राज्य सरकार का आरोप है कि अब तक केंद्र से कोई बड़ी राहत राशि नहीं मिली है।
इस बार भी हिमाचल में बर्फबारी से हुए ताजा नुकसान का आकलन किया जा रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि केंद्र सरकार से आने वाली टीम इन आंकड़ों में बदलाव करती है या इन्हीं के आधार पर मुआवजे का निर्धारण होता है।