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शिमला में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़: धामी सर्कल के कानूनगो 37 हजार की रिश्वत के साथ गिरफ्तार

शिमला, हिमाचल प्रदेश के राजधानी शहर में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में, राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने धामी सर्कल के कानूनगो, हरीश कुमार शर्मा को 37 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत की गई है, जिसे विजिलैंस के शिमला स्थित थाने में दर्ज किया गया।

जांच में पता चला कि हरीश कुमार शर्मा पहले ही शिकायतकर्त्ता से 13 हजार रुपए गूगल पे के माध्यम से प्राप्त कर चुके थे। शिकायतकर्त्ता, रमेश चंद ने विजिलैंस को बताया कि कानूनगो इंतकाल से जुड़े दस्तावेज जारी करने की आड़ में 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहा था।

रमेश चंद ने अपने दो बेटों, अमित शर्मा और सुमित शर्मा के नाम पर 1 बीघा जमीन खरीदी थी, जिसका इंतकाल उपतहसील धामी में 28 फरवरी, 2024 को दर्ज किया गया था। हालांकि, इस इंतकाल से जुड़े दस्तावेज जारी करने के बहाने कानूनगो ने रिश्वत की मांग की।

रमेश चंद के बेटे, अमित और सुमित ने आरोपी को 8 हजार और 5 हजार रुपए की राशि गूगल पे के माध्यम से भी भेजी थी। इसके बावजूद, कथित घूसखोर ने 37 हजार रुपए की और मांग की। विजिलैंस ने शिकायत के आधार पर अपना जाल बिछाया और अधिकारी को रिश्वत के साथ गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।

इस मामले ने हिमाचल प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित किया है। ऐसी कार्रवाई समाज में नैतिकता और न्याय के मानकों को मजबूत करती है और भ्रष्ट तत्वों के खिलाफ संदेश भेजती है कि कानून के सामने कोई भी बड़ा या छोटा नहीं है।

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