धर्मशाला/चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और कांगड़ा लोकसभा सीट से सांसद रहे किशन कपूर का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह ब्रेन हेमरेज के कारण चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में उपचाराधीन थे, जहां उन्होंने शनिवार को अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई।
उनका अंतिम संस्कार रविवार को उनके पैतृक गांव धर्मशाला में किया जाएगा। किशन कपूर ने हिमाचल प्रदेश की राजनीति में दशकों तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और विभिन्न पदों पर रहते हुए जनता की सेवा की।
👉 किशन कपूर का प्रारंभिक जीवन और परिवार
किशन कपूर का जन्म 25 जून 1951 को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के खनियारा गांव में हुआ था। उनके पिता हरि राम और माता गुलाबो देवी थीं। उनका विवाह रेखा कपूर से हुआ, जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।
उनके बेटे का नाम शाश्वत कपूर और बेटी का नाम प्रगति कपूर है। किशन कपूर ने अपनी शिक्षा खनियारा और धर्मशाला में पूरी की और फिर राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हो गए।
👉 किशन कपूर का राजनीतिक सफर: 50 साल का लंबा अनुभव
किशन कपूर 1970 में जनसंघ के सदस्य बने, और 1980 में भाजपा के गठन के बाद पार्टी से जुड़े रहे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
📌 प्रमुख राजनीतिक पड़ाव:
✅ 1970 – जनसंघ और जनता पार्टी के सदस्य बने।
✅ 1978 – भाजपा युवा मोर्चा के सचिव बने।
✅ 1982-84 – भाजपा धर्मशाला मंडल अध्यक्ष बने।
✅ 1985 – धर्मशाला विधानसभा सीट से पहली बार भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा।
✅ 1990 – पहली बार विधायक बने।
✅ 1993 – दूसरी बार विधायक बने और विधानसभा में मुख्य सचेतक बने।
✅ 1995-97 – भाजपा कांगड़ा जिला अध्यक्ष बने।
✅ 1998 – तीसरी बार धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए।
✅ 1998-2003 – परिवहन, जनजातीय विकास, मुद्रण एवं लेखन सामग्री और कानून मंत्री बने।
✅ 2007 – चौथी बार विधायक बने और परिवहन, शहरी विकास, आवास और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री बने।
✅ 2017 – पांचवीं बार विधायक बने और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बने।
✅ 2019 – कांगड़ा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए और संसद की विभिन्न समितियों में काम किया।
📌 मंत्री रहते हुए उपलब्धियाँ:
🔹 परिवहन मंत्री: हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRTC) को सुधारने और ग्रामीण परिवहन सेवाओं को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
🔹 खाद्य आपूर्ति मंत्री: राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को प्रभावी बनाने के लिए कार्य किया।
🔹 शहरी विकास मंत्री: नगर नियोजन और आवास विकास से जुड़े प्रोजेक्ट्स में योगदान दिया।
👉 किशन कपूर का निधन: ब्रेन हेमरेज के कारण असमय मृत्यु
किशन कपूर पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे। कुछ दिनों पहले उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ, जिसके बाद उन्हें चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बावजूद, उन्होंने शनिवार को अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से हिमाचल प्रदेश और खासकर कांगड़ा जिला में गहरा शोक व्याप्त हो गया।
👉 अंतिम संस्कार रविवार को धर्मशाला में
किशन कपूर का अंतिम संस्कार रविवार को उनके पैतृक गांव धर्मशाला में किया जाएगा। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्रियों के उनके अंतिम दर्शन में शामिल होने की संभावना है।
🔹 अंतिम संस्कार का समय: रविवार, [समय की पुष्टि लंबित]
🔹 स्थान: धर्मशाला, कांगड़ा जिला, हिमाचल प्रदेश
🔹 संभावना: उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
👉 किशन कपूर की राजनीतिक विरासत और हिमाचल की राजनीति में योगदान
किशन कपूर एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने हर पद पर रहते हुए जनता की सेवा को प्राथमिकता दी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की राजनीति को दिशा दी और भाजपा को मजबूती प्रदान की।
🔹 विकास कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाई
🔹 जनता से सीधा संवाद करने वाले नेता
🔹 हर पद पर अपनी मजबूत छवि बनाई
उनकी यादें और योगदान हिमाचल प्रदेश की राजनीति में हमेशा अमिट रहेंगे।
🌹 श्रद्धांजलि! 🌹