धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। मंडी जिले के रहने वाले और टीम इंडिया के लिए खेलने वाले हिमाचल प्रदेश के पहले और इकलौते क्रिकेटर ऋषि धवन ने वनडे और टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। ऋषि ने यह निर्णय शुक्रवार को लिया और इसे अपने करियर का नया अध्याय बताया।
ऋषि धवन का करियर:
ऋषि धवन ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 2016 में की थी। उन्होंने 3 वनडे और 1 टी-20 मुकाबला खेला। हालांकि, उनका अंतरराष्ट्रीय करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्होंने अपने प्रदर्शन से हिमाचल क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
ऋषि को ऑलराउंडर के रूप में जाना जाता है। वे गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में माहिर थे। अपने सटीक मीडियम पेस गेंदबाजी और उपयोगी बल्लेबाजी के कारण वे घरेलू क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार रहे।
संन्यास पर ऋषि का संदेश:
ऋषि धवन ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात रही है। अब समय आ गया है कि मैं अपनी ऊर्जा नए खिलाड़ियों को तैयार करने और खेल को बढ़ावा देने में लगाऊं।”
ऋषि ने यह भी कहा कि वह अब घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में खेलना जारी रखेंगे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (HPCA) और अपने प्रशंसकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह सब उनके समर्थन से ही संभव हो पाया।
क्रिकेटिंग करियर के आंकड़े:
अंतरराष्ट्रीय करियर:
- वनडे: 3 मैच, 12 रन, 1 विकेट।
- टी-20: 1 मैच, 1 विकेट।
घरेलू क्रिकेट:
- फर्स्ट क्लास मैच: 84 मैच, 3,374 रन, 143 विकेट।
- लिस्ट ए मैच: 123 मैच, 1,870 रन, 158 विकेट।
- टी-20: 135 मैच, 1,814 रन, 138 विकेट।
हिमाचल क्रिकेट में योगदान:
ऋषि धवन ने हिमाचल प्रदेश की रणजी टीम को पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी (2021-22) जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने फाइनल मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को खिताब दिलाया। यह हिमाचल प्रदेश क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ा मील का पत्थर माना जाता है।
आईपीएल में ऋषि धवन:
ऋषि ने आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब, कोलकाता नाइट राइडर्स, और गुजरात लायंस जैसी टीमों का प्रतिनिधित्व किया। 2022 में, उन्होंने पंजाब किंग्स के लिए शानदार प्रदर्शन किया और अपनी उपयोगिता साबित की।
हिमाचल के युवाओं के लिए प्रेरणा:
ऋषि धवन का करियर हिमाचल प्रदेश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने दिखाया कि सीमित संसाधनों के बावजूद कड़ी मेहनत और लगन से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है।