हिमाचल प्रदेश की वंशिका गोस्वामी ने विश्व स्तर पर भारत का मान बढ़ाते हुए अमेरिका में आयोजित वर्ल्ड यूथ मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 80 किलोग्राम से अधिक भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। फाइनल मुकाबले में वंशिका ने जर्मनी की गट्टी को नॉकआउट करते हुए विजय प्राप्त की। इस जीत ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी क्षेत्र का नाम अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर रोशन कर दिया है।
वंशिका गोस्वामी हिमाचल प्रदेश पुलिस में कार्यरत शशिकांत गोस्वामी और शालू गोस्वामी की बेटी हैं। उनकी इस उपलब्धि के बाद पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है। स्थानीय लोगों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के खेल प्रेमियों और खेल विभाग ने भी वंशिका को इस जीत के लिए बधाई दी है।
प्रारंभिक प्रशिक्षण और मार्गदर्शन
वंशिका ने अपनी शुरुआती शिक्षा और प्रशिक्षण अपने गृह जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय समलोटी नगरोटा में प्राप्त किया। कांगड़ा के अनुभवी कोच कैलाश शर्मा ने वंशिका की प्रतिभा को शुरुआती स्तर पर पहचान कर उनका मार्गदर्शन किया। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें सोलन के कोच अमनप्रीत सिंह से कोचिंग प्राप्त हुई, जिन्होंने उनकी तकनीक और कौशल को निखारा। अमनप्रीत सिंह ने कहा, “वंशिका एक समर्पित और मेहनती खिलाड़ी हैं, और उन्होंने विश्व स्तर पर अपना कौशल दिखाकर हिमाचल प्रदेश का नाम गर्व से ऊंचा किया है।”
राष्ट्रीय प्रतियोगिता से शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय सफर
वंशिका ने पहले रोहतक में आयोजित राष्ट्रीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता था। इस जीत के आधार पर उन्हें वर्ल्ड यूथ मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। अंतरराष्ट्रीय मंच पर वंशिका ने न केवल उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि भारत के मुक्केबाजी क्षेत्र में भी अपना नाम स्थापित किया है।
वंशिका की इस सफलता ने हिमाचल प्रदेश के युवाओं के बीच खेलों के प्रति एक नई जागरूकता पैदा की है। राज्य के खेल मंत्री और खेल संघों ने वंशिका को बधाई दी और इस जीत को राज्य के लिए गर्व का पल बताया। हिमाचल प्रदेश सरकार भी भविष्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बना रही है ताकि और भी युवा वंशिका के पदचिन्हों पर चलते हुए खेलों में अपना करियर बना सकें।