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भरमौर पेयजल टैंक हादसा: विक्रम ठाकुर ने जलशक्ति विभाग की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल

भरमौर में कल पेयजल टैंक में मृत बछड़ा मिलने की घटना को लेकर पंचायत समिति सदस्य विक्रम ठाकुर ने जलशक्ति विभाग की कार्यप्रणाली पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका यह बयान विभाग के अधिशासी अभियंता के उस स्पष्टीकरण के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि टैंक के चारों ओर कंटीली तारें लगी हैं और बछड़ा संभवतः किसी के डर से टैंक में कूद गया होगा।

ठाकुर ने विभाग की सुरक्षा व्यवस्थाओं को पूरी तरह से नाकाम बताया। उन्होंने कहा, “अगर टैंक पूरी तरह से सुरक्षित था, तो बछड़ा अंदर कैसे घुसा? यह स्पष्ट रूप से विभाग की लापरवाही का नतीजा है। पीने के पानी के स्रोत पर ढक्कन होना चाहिए, लेकिन यहां पर विभाग ने उसकी भी व्यवस्था नहीं की है। विभाग लाखों-करोड़ों का बजट कहां खर्च कर रहा है, यह गंभीर सवाल है।”

अधिशासी अभियंता का बयान

घटना के बाद जलशक्ति विभाग भरमौर के अधिशासी अभियंता ने कहा था कि टैंक की चारों ओर सुरक्षा के लिए कंटीली तारें लगी हुई हैं, फिर भी बछड़े का टैंक में पहुंचना चिंता का विषय है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, बछड़े का किसी ने पीछा किया होगा, जिससे घबराकर वह टैंक में कूद गया। अधिकारी का मानना है कि बछड़ा मुख्य गेट से अंदर आया होगा। फिलहाल, घटना की विस्तृत जांच जारी है।

पंचायत समिति सदस्य ठाकुर ने उठाए कड़े सवाल

विक्रम ठाकुर ने कहा कि विभाग की ओर से दी गई यह सफाई जनता के लिए अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, “यदि मुख्यालय भरमौर में ही जलशक्ति विभाग स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है, तो पूरे क्षेत्र के हालात क्या होंगे?” ठाकुर ने आरोप लगाया कि विभाग अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रहा है और जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

जनता से की अपील

ठाकुर ने भरमौर की जनता से अपील करते हुए कहा, “यह समय है कि हम सभी अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ें। विभाग पर भरोसा करना अब मुश्किल हो गया है। यदि आज हम चुप रहे, तो भविष्य में और भी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि जनता को इस मामले में सजग रहना चाहिए और विभाग से जवाबदेही की मांग करनी चाहिए। ठाकुर के इस बयान के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया है, और लोग विभाग से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

विभाग की कार्रवाई पर निगरानी

विभाग ने घटना के तुरंत बाद टैंक को खाली कर सफाई और सुपर कलोरीकरण की प्रक्रिया की, ताकि पेयजल की गुणवत्ता सुरक्षित रहे। हालांकि, स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह सिर्फ अस्थायी उपाय हैं और पेयजल की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

ठाकुर के इस बयान से घटना पर जन आक्रोश और गहराता जा रहा है, और आने वाले दिनों में विभाग पर जनता का दबाव और बढ़ सकता है।

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