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कुगती-लाहौल सड़क के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव को दिया ज्ञापन: मुख्यमंत्री के समक्ष रखने का आश्वासन

अब अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ओंकार शर्मा करेंगे कुगती-लाहौल सड़क का मुख्यमंत्री के सामने प्रतिनिधित्व

कुगती से लाहौल तक नई सड़क परियोजना की मांग ने अब जोर पकड़ लिया है। इस मांग को लेकर कुगती गांव के निवासियों ने हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ओंकार शर्मा को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रधान जय बनाला माता देव सोसाइटी कुगती सुशील कुमार, प्रधान युवक मंडल कुगती बलराम, महिला मंडल प्रधान बलो देवी शामिल थे। मनोज कुमार, सर्वांगीण विकास समिति के अध्यक्ष, पंचायत प्रधान अनु, पूर्व प्रधान ठेठी राम, अमरू, राजू, अनिल, अमित, कुलदीप, लेहरु राम, बलदेव, पार्षद जीत राम, तेजू, वकील, विपिन, भलिया राम, परमा और माछा राम भी उपस्थित थे।

श्री ओंकार शर्मा ने कुगती के निवासियों की इस महत्वपूर्ण मांग को मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश के समक्ष रखने का आश्वासन दिया है। इसके पहले, भरमौर की कई संस्थाओं ने मिलकर जनजातीय विकास मंत्री श्री जगत सिंह नेगी को भी ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए थे, जिनमें स्थानीय भरमौर निवासी, 84 मंदिर पुजारी, ब्लॉक समिति सदस्य, चौरासी व्यापार मंडल, मणिमहेश युवक मंडल, चौरासी रीवाइवल कमेटी और पूर्व सैनिक शामिल थे।

भरमौर के स्थानीय निवासी मंडी की सांसद कंगना रनौत के माध्यम से प्रधानमंत्री के लिए भी ईमेल के जरिए ज्ञापन भेज चुके हैं। भरमौर की जनता इस मुहिम के लिए एकजुट होकर काम कर रही है। लोगों ने विश्वास जताया है कि जागरूकता बढ़ने पर चंबा और लाहौल स्पीति जिलों के लोग भी इस मुहिम के साथ जुड़ेंगे और एकजुट होकर इस रोड़ को बनवाने की कोशिश करेंगे।

25 किलोमीटर लंबी कुगती-लाहौल सड़क बनने से कई फायदे होंगे। ज्ञापन में मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:

चंबा और लाहौल-स्पीति का पर्यटन और आर्थिक विकास: चंबा हिमाचल प्रदेश का एक अत्यंत पिछड़ा जिला है। इस सड़क के निर्माण से यहां के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार होगा और विकास के नए द्वार खुलेंगे। यह सड़क चंबा, भरमौर, पांगी और लाहौल-स्पीति की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि को पर्यटकों के लिए अधिक सुलभ बनाएगी। इससे स्थानीय व्यवसायों और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।

धार्मिक यात्रा को जोड़ने के लिए: यह सड़क मणिमहेश, श्रीखंड महादेव और किन्नर कैलाश यात्रा को जोड़ने में सहायक होगी। इससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और राज्य का आर्थिक विकास होगा। इस सड़क के बनने से 3-5 लाख मणिमहेश यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को श्रीखंड कैलाश यात्रा और किन्नर कैलाश यात्रा करने में आसानी होगी। हिमाचल में चार धाम की तर्ज पर तीन कैलाश यात्रा कॉरिडोर बनने मे आसानी होगी।

रोजगार के अवसर और कर्जे में डूबे हिमाचल का आर्थिक विकास: चंबा, भरमौर, पांगी और लाहौल-स्पीति में पर्यटन की बढ़ोतरी और तीन कैलाश यात्रा कॉरिडोर बनने से लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं और कर्जे में डूबे हिमाचल का आर्थिक विकास होगा।

गद्दी समुदाय के लाखों लोगों के लिए लाभ: यह नया मार्ग गद्दी समुदाय के लाखों लोगों के लिए वरदान साबित होगा। गद्दी समुदाय के लोग अपने इष्ट देवी देवताओं की पूजा करने के लिए लाहौल स्पीति की यात्रा करते हैं। इस मार्ग के बनने से उनकी यात्रा सुगम हो जाएगी। व 80% भेड़पालक कुगति लाहौल के दुर्गम रास्ते से लाहौल स्पीति जाते हैं। नए मार्ग से भेड़पालकों की यात्रा सुरक्षित हो जाएगी और उन्हें अपने व्यवसाय में अधिक कुशलता से काम करने का अवसर मिलेगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लाभ: यह सड़क भारतीय सेना के लिए भी महत्वपूर्ण होगी। इससे लेह – लद्दाख में सेना का आवागमन सुगम होगा और पठानकोट से लेह की दूरी लगभग 200 किलोमीटर कम हो जाएगी। यह वैकल्पिक मार्ग राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूत करेगा।

भरमौर की जनता और कुगती के निवासियों की इस मांग को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। सभी लोगों ने मिलकर इस परियोजना को जल्द से जल्द स्वीकृति दिलाने की अपील की है। उनका मानना है कि यह सड़क न केवल उनके दैनिक जीवन को सरल बनाएगी बल्कि क्षेत्र और राज्य की आर्थिक स्थिति को भी सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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