हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक दृश्य पर एक नया मोड़ आया है क्योंकि सुधीर शर्मा, जो कभी कांग्रेस सरकार में मंत्री थे, अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर धर्मशाला से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस बड़े दल-बदल के बीच, हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुखु ने सुधीर शर्मा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
सुखविंदर सिंह सुखु ने आरोप लगाया कि सुधीर शर्मा ने बैजनाथ से धर्मशाला आकर कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने, और बाद में अपने पसंद के इंजीनियर, एसडीएम और पुलिस अधिकारियों को धर्मशाला में उच्च पदों पर नियुक्त किया। सुखु के अनुसार, सुधीर शर्मा ने फिर लोगों के फोन उठाना और उनके काम करना बंद कर दिया, जिससे स्थानीय जनता में काफी नाराजगी हुई।
सुखु ने यह भी कहा कि सुधीर शर्मा ने स्मार्ट सिटी के नाम पर केवल पोस्टर लगाए, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं करवाया, जबकि सभी महत्वपूर्ण कार्य उन्होंने स्वयं करवाए। इसके अलावा, सुखु ने सुधीर शर्मा की संपत्ति और आर्थिक स्थिति पर सवाल उठाते हुए उनके द्वारा बनवाए गए 10 करोड़ रुपये के बंगले का जिक्र किया। सुखु ने आरोप लगाया कि इतनी बड़ी संपत्ति उन्होंने कैसे अर्जित की, इसकी जांच चल रही है।
अभी तो सबूत या रहे हैं। मैं 20 साल से विधायक हूँ। 18 साल की उम्र से रजिनीति कर रहा हूँ। इतने बड़े महल तो हमने देखें नहीं है। कहाँ से आता है इतना पैसा? यह सब जांच चल रही है। अभी तो यह पता चला है कि उन्होंने अटैची कहाँ से खरीदी ? बाकी सबूत आने वाले हैं ।
सुखविंदर सिंह सुखु
यह विवाद और सुधीर शर्मा का भाजपा में प्रवेश धर्मशाला की राजनीति में नई उलझनें पैदा कर सकता है, और इसके परिणाम स्थानीय राजनीति पर गहरा असर डाल सकते हैं।