हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने पर्यटन के नए युग की शुरुआत करते हुए, हिमाचल प्रदेश में पहली वंदे भारत बस सेवा का शुभारंभ किया है। यह अद्वितीय पहल पर्यटकों को प्रदेश की सुंदरता और विविधता से परिचित कराने का एक अनूठा माध्यम साबित होगी। इस बस सेवा की विशेषताएं, इसके उद्देश्य, और समाज के विभिन्न वर्गों के लिए इसके लाभों को समझना जरूरी है।
हिमाचल प्रदेश के माननीय उप मुख्यमंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री ने ऊना जिला के अम्ब-अंदौरा रेलवे स्टेशन से पालमपुर के लिए हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम की “टूरिज्म वंदे भारत बस सेवा” को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पर्यटन निगम के माध्यम से चलाई गई यह पहली हाईटेक डीलक्स बस सेवा है। जो वंदे भारत ट्रेन के यात्रियों एवं पर्यटकों को बेहतर यातायात सुविधा मुहैया करवाएगी। इससे पहले जहां कांगड़ा जिला के लोगों को निजी गाड़ी या टैक्सी लेकिन अम्ब रेलवे स्टेशंस पहुंचना पड़ता था। अब बस चलने से लोगों के धन और समय दोनों की बचत होगी एवं टूरिज्म क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।
पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) आरएस बाली ने संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि पहली वंदे भारत बस सेवा पालमपुर से नगरोटा और कांगड़ा होते हुए जिला ऊना के अंब तक शुरू की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य वंदे भारत ट्रेन के पर्यटकों को जिला कांगड़ा तक लाना और वहां से ले जाना है, जिससे पर्यटक कांगड़ा और आसपास के क्षेत्रों की अद्वितीय संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कर सकें।
यह वोल्वो श्रेणी की बस सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगी, जिससे पर्यटकों को उनके सफर के दौरान अधिकतम आराम और सुविधा प्रदान की जा सके। बस सुबह 8 बजे पालमपुर से चलेगी और 11:30 बजे पर्यटकों को अंब से लेकर कांगड़ा और पालमपुर आएगी।
इस पहल के साथ, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने सैनिकों – सेवारत और सेवानिवृत्त – को राज्य पर्यटन होटलों में ठहरने पर विशेष छूट की घोषणा की है। यह छूट मार्च से जून तक 50 प्रतिशत और शेष चार महीनों के लिए 30 प्रतिशत होगी। साथ ही, सैनिक भोजन खर्च पर भी 30 प्रतिशत की छूट का लाभ उठा सकेंगे।
राज्य भर में पंजीकृत पत्रकार भी इसी तरह की छूट के हकदार होंगे, जो न केवल हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि यहाँ के समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को और अधिक लोगों तक पहुँचाने में मदद करेगा।
हिमाचल प्रदेश की यह नवीन पर्यटन सेवा निश्चित ही पर्यटन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जो प्रदेश की आर्थिक वृद्धि और सामाजिक कल्याण में योगदान देगी। इसके साथ ही, यह पहल पर्यटकों को हिमाचल प्रदेश की अद्वितीय विरासत और प्राकृतिक सुंदरता से जोड़ने का एक अवसर प्रदान करेगी, जिससे वे इस खूबसूरत प्रदेश के साथ एक अविस्मरणीय बंधन का अनुभव कर सकेंगे।