सावन महीना हिंदू पंचांग के अनुसार एक पवित्र मास है जो श्रावण मास के नाम से भी जाना जाता है। यह मान्यता है कि इस मास में देवी सती ने शिव को प्राप्त किया था और इस दिन को उनकी श्रावणी मान्यता से मनाया जाता है। सावन का महीना भारत में बहुत ही प्रमुखता रखता है, और यह सभी धार्मिक आयोजनों और परंपराओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस महीने में बहुत सारी धार्मिक क्रियाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें व्रत, पूजा, और कई तरह के उपासना कार्य शामिल होते हैं।
यह सावन का महीना 2023 में एक अद्वितीय बदलाव लाने वाला है। इस बार सावन मास की अवधि न केवल एक, बल्कि दो महीनों तक होगी। यह अद्वितीय घटना वैदिक ज्योतिष के मुताबिक हो रही है। इस बार सावन महीना 17 जुलाई से शुरू होगा और 15 सितंबर तक चलेगा। यह दो महीनों तक चलने वाला सावन महीना हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और खुशी का कारण है।
यह सावन मास का बढ़ जाना शास्त्रीय तथ्यों पर आधारित है। हिंदू पंचांग में सावन मास की अवधि को चंद्रमा के आधार पर तय किया जाता है। इस साल, चंद्रमा की चार मासिक चक्र यानी ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, और भाद्रपद, की गणना करते समय एक अत्यंत महत्वपूर्ण गणना हुई। यह गणना अनुसार, सावन मास इस बार दो महीनों तक बढ़ गया है।
सावन महीने में विशेष रूप से शिव भगवान की पूजा की जाती है। श्रावण में कई लोग शिव मंदिर जाकर जलाभिषेक करते हैं और उनके लिए व्रत रखते हैं। इसके अलावा, सावन में गणेश चतुर्थी और रक्षाबंधन जैसे प्रमुख त्योहार भी मनाए जाते हैं। भारत के विभिन्न हिस्सों में लोग इन त्योहारों को धूमधाम से मनाते हैं और अपने परिवार के साथ खुशियां बांटते हैं।
यह सावन मास दो महीनों तक चलने के कारण और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दौरान लोग विभिन्न प्रकार के व्रत रखते हैं और अपने ईश्वर की आराधना करते हैं। सावन मास में बारिश का मौसम होता है, जो मन को शांति और प्रसन्नता प्रदान करता है। लोग इस मास में नदी और तालाबों में स्नान करने का भी विशेष महत्व देते हैं।
दो महीनों तक चलने वाला सावन मास धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस अवधि में विभिन्न धार्मिक आयोजन आयोजित किए जाते हैं जिनमें भजन-कीर्तन सभाएं, साधु-संतों के सत्संग, और धार्मिक पर्वों की उत्सव समारोह शामिल होते हैं। यह मास लोगों को सद्भावना, धर्म, एकता, और सामरस्य की भावना को संवारने का एक अवसर देता है।
सावन मास की अवधि बढ़ जाने से धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी अधिक हो गया है। इस मास में आयोजित होने वाले मेलों, रण मेलों, और जागराताओं में भी बहुत समय बिताया जाता है। इस बार के दो महीने के सावन मास को लोग और भी ध्यान से मनाएंगे और इसके अवसर पर अपने आप को धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में समर्पित करेंगे।
सावन का महीना हमारे जीवन में एकता, सद्भावना, आदर्शों के प्रतीक, और शांति का प्रतीक होता है। यह एक मौका है जब हम सभी मिलकर समुदाय के हित में धार्मिक कार्यों में सहभागिता कर सकते हैं। इस बार का दो महीनों तक चलने वाला सावन महीना हमें और भी धैर्य और आत्मनिर्भरता के साथ अपने आप को समर्पित करने का मौका देता है। हमें अपनी मान्यताओं और धर्म के मार्ग पर चलते हुए अपने आप को समर्पित करने का वचन लेना चाहिए।
इस प्रकार, सावन मास की अवधि के दो महीने हमें अपनी आध्यात्मिकता को प्रशस्त करने और सभी लोगों के बीच एकता और सद्भावना का आदर्श स्थापित करने का अवसर प्रदान करते हैं। इस दौरान हमें अपने आप को विचारशीलता, सहभागिता, और अच्छे कर्मों में लगाने का संकल्प लेना चाहिए। सावन के इन दो महीनों को सभी लोगों के लिए खुशहाली, समृद्धि, और शांति का समय बनाना चाहिए।