रोजाना24,शिमला 17 अक्तूबर : प्रदेश में विधानसभा चुनाव आचार संहिता लग चुकी है। राजनीतिक पार्टियां चुनाव मैदान में अपने प्रत्याशियों को उतारने से पूर्व उनकी क्षमताओं की जांच कर रही हैं। अकांक्षी प्रत्याशी चुनाव प्रचार भूलकर चयन समिति के निर्णय आने के इंतजार में उनींदे बैठे हैं। उनके समर्थकों की सांसे अब चयन समिति के फैसले आने तक रुक सी गई हैं। विस क्षेत्रों में सन्नाटा सा पसरा हुआ है।
लेकिन छः माह पूर्व से गत सप्ताह तक राजनीतिक पार्टी के चुनाव चिन्हों पर चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीद्वार पूरे आत्मविश्वास व जोश के साथ गांव-गांव जाकर लोगों से अपने पक्ष में समर्थन मांग रहे थे।लेकिन ज्यों-ज्यों बीतता गया पार्टी की ओर से भी उन्हें आगे बढ़ने या रुकने के संदेश जारी होते गए । बहरहाल अब चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशियों की अंतिम सूचि जारी होने वाली है।
पुराने प्रत्याशी तो इन विस चुनावों के लिए ऐसे तैयार थे मानो पार्टी के पास विकल्प ही न हो। जबकि दूसरी ओर इन्हीं राजनीतिक पार्टियों विशेषकर कांग्रेस व भाजपा की दूसरी पीढ़ी जोकि क्रमशः युकां व भाजयुमो के रूप में जानी जाती है, के प्रतिनिधि अपने संगठन की शक्ति के बल पर पार्टी टिकट की दावेदारी करने पहुंच गए। अब सत्ता का अनुभव ले चुके पुराने प्रत्याशियों को भी एहसास होने लगा कि आज तक बारी-बारी की परम्परा के कारण आराम से पार्टी टिकट के साथ सत्ता भी हासिल हो जाती थी लेकिन अब समय व परिस्थितियां प्रतिकूल होती दिख रही हैं। तो चुनाव के लिए अपनी पार्टी की ओर से टिकट पाने के लिए प्रयास भी आरम्भ हो गए और यह कार्य तो जनता के बीच अपनी लोकप्रियता साबित करके ही हो सकता था। लिहाजा चुनाव लड़ने के सभी इच्छुक लोग गांव-गांव लोगों को रिझाने निकल पड़े।
इनमें से एक व्यक्ति न तो किसी पार्टी व न ही किसी युवा संगटन से जुड़ा था। लोगों को बस इतना पता था कि यह व्यक्ति आरएसएस से जुड़ा है व भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ उठना बैठना है व आईजीएमसी शिमला में किसी बड़े पद पर बैठा है। अब चिकित्सा अधीक्षक के कामकाज का बारे में सामान्य लोगों को इतनी अधिक जानकारी तो होती नहीं लेकिन लोग इतना जरूर जानते थे कि उक्त व्यक्ति अव्वल दर्जे का चिकित्सक/सर्जन है । जी हां आप ठीक समझे यहां बात पांगी-भरमौर विस क्षेत्र में भाजपा की ओर से टिकट के दावेदार माने जा रहे प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ जनकराज की हो रही है। जिन्होंने अपना चुनाव प्रचार तब तक पूरा कर लिया था जबतक अन्य प्रत्याशी यह सोच रहे थे कि चुनाव के लिए अभी काफी समय शेष है।
इस विस क्षेत्र में जिस समय निवर्तमान विधायक जियालाल कपूर शासन ठेलते व पूर्व वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी भी चुनाव हारकर अगले विस चुनाव की तैयारी के लिए पांचवे वर्ष का इंतजार कर रहे थे उस समय डॉ जनक राज प्रदेश के औद्यागिक क्षेत्र बद्दी,परवाणु,कांगड़ा, पालमपुर,नूरपुर, चंडीगढ़, दिल्ली में कार्यरत पांगी-भरमौर क्षेत्र के लोगों के साथ बैठकें कर रहे थे। वे हिप्र विश्वविद्यालय से लेकर शिमला व धर्मशाला से लेकर प्रदेश के कलाकारों, महाविद्यालयों व स्कूली छात्रों के साथ संवाद बनाने के अलावा नवोदय विद्यालय के पूर्व छात्रों के लगातार सम्पर्क मेे थे। शायद वे इसका महत्व जानते थे कि जिला से बाहर कार्य कर रहे भरमौर क्षेत्र के सैकड़ों लोग अपने क्षेत्र के लि्ए कैसी उम्मीदें पाले हुए हैं ।
भरमौर क्षेत्र से बाहर रहकर यहां के लोगों के साथ जारी यह सम्पर्क अभियान से जबतक अन्य राजनेताओं के कान खड़े होते तब तक डॉ जनक राज भरमौर विस क्षेत्र की करीब सभी पंचायतों के लोगों से सम्पर्क साध चुके थे। जब तक कि उनके राजनैतिक प्रतिद्वंदी सक्रिय होते वे इस विस क्षेत्र के तमाम उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों से भी संवाद कर चुके थे। वे ऐसा चुनावी व्यूह रच चुके थे कि इस क्षेत्र से फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे सत्ता व विपक्ष में बेठे नेता भी उनके विन्यास (पैट्रन) का अनुसरण करने लगे ।
लेकिन वे शिक्षण संस्थानों में संवाद के लिए विषय वहीन लग रहे थे। चूंकि डॉ जनक राज अपने चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं ऐसे में वे विद्यार्थियों कई प्रकार से मनोबल बढ़ाने में सक्षम रहते हैं। वहीं चिकित्सक होने का लाभ भी उनके जनसंवाद अभियान के दौरान उनके खूब काम आया। वे जहां जहां जाते लोग स्वास्थ्य समस्या निवारण के लिए उनके पास पहुंच जाते।डॉ जनक राज को भाजपा चुनाव में उतारती है या नहीं यह तो चंद दिनों में सामने आ जाएगा लेकिन चुनाव प्रचार करने के तरीके को लेकर उन्होंने अनुभवी राजनेताओं को भी चौंका दिया है ।
डॉ जनक राज ने विस चुनाव 2017 में भी भाजपा की ओर से चुनाव लड़ने की प्रायस किया था लेकिन उस समय व आज के समय में उनके चुनाव प्रचार के तौर-तरीकों में अनुभवी व सटीक मार्ग दर्शन झलक रहा है। पिछले चुनावों जहां समर्थकों के सहारे दिख रहे थे वहीं इस बार उनका साथ दूर सत्ता में बैठे अनुभवी लोग देते लग रहे हैं।