चमत्कार ! छ: माह बाद भी भरा हुआ मिला जल कलश.

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भरमौर: कुगति के कार्तिक मंदिर पुजारियों की माने तो इस वर्ष विश्व में आनाज की भरपूर पैदावार होगी.
यह बात वे कार्तिक मंदिर के कपाट खुलने के बाद वहां छ: पूर्व रखे जल कलश के भरा हुआ मिलने के बाद कह रहे हैं.मंदिर के मुख्य पुजारी व चेले स्वरूप कुमार ने कहा कि भरमौर क्षेत्र में मंदिरों की पवित्रता बनाए रखने पर आज भी कार्य किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि नवम्बर माह नवरात्रों के बाद इस मंदिर के किवाड़ बंद कर दिए जाते हैं और उसके बाद मंदिर में कोई पूजा नहीं की जाती.क्योंकि इसके बाद यहां राक्षसी शक्तियों का साम्राज्य हो जाता है जो कि आगामी चौदह अप्रैल तक जारी रहता है.चौदह अप्रैल त्रयोदशी के बाद फिर यहा देव साम्राज्य कायम हो जाता है.इस समयावधि में मंदिर में की गई पूजा आसुरी शक्तियों को ताकत प्रदान करती है.
कार्तिक देव जिन्हें स्थानीय बोली में केंग वजीर कहा जाता है के मंदिर के किवाड़ बंद करने से पूर्व एक जल कलश उनकी प्रतिमा के सम्मुख रख दिया जाता है,कपाट खोलने के बाद कलश मैं पानी के स्तर से साल भर कै मौसम की भविष्यवाणी की जाती है.उन्होंने कहा कि इस वर्ष कलश पूरी तरह भरा हुआ पाया गया है जिसका सीधा सा मतलब है कि इस वर्ष पर्याप्त मात्रा मैं वर्षा होगी.जिससे धान्य की पैदावार खूब होगी.
कपाट खोलने की मात्र प्रक्रिया को देखने के लिए हजारों लोग पैदल छ: किमी का रास्ता तय करके पहुंचे थे.श्रद्धालुओं के खाने की व्यवस्था की जिम्मेदारी धरकौता के तिलक राज शर्मा व उनके सहयोगियों ने सम्भाल रखी थी.तिलक राज शर्मा ने कहा कि उनके सहयोगियों ने तीन हजार लोगों के भोजन की व्यवस्था की हुई है.जिसमें शुद्ध शाकाहारी भोजन परोसा जा रहा है.कार्तिक स्वामी प्रतिमा की एक झलक पाने के लिए लोगों को घंटों तक कतारों में खड़ा होना पड़ा.