नवोदियन बने एक दूसरे के मददगार, सहयोग राशि से लेकर कर रहे देखभाल

रोजाना24,हमीरपुर, 05 जून : जवाहर नवोदय विद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर निकले नवोदियन के एकदूसरे से जुड़े रहने के ज़ज्बे ने इस कोविड-19 संकटकाल में सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। आम दिनों में वर्चुअल ग्रुप के माध्यम से सुख-दुःख सांझा करने वाले देश-विदेश में स्थित इस ग्रुप के सदस्य अब इस महामारी के दौरान जरूरतमंदों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।

यह कहानी शुरू होती है जवाहर नवोदय विद्यालय तरक्वाड़ी (डुंगरी) से शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे स्कूल के पूर्व छात्रों से। सभी की इच्छा थी कि पढ़ाई समाप्त होने के बाद भी एकदूसरे से सम्पर्क कायम रखा जाए। इस विचार को आकार दिया वर्चुअल ग्रुप ने और जरिया बना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म। अरसे से इसी प्लेटफॉर्म पर सभी सहपाठी आपस में हाल-चाल पूछते रहते हैं। अब कोविड-19 महामारी के दौरान उनका यह प्लेटफॉर्म सामाजिक समरसता व जड़ों से जुड़े रहने के लाभ के रूप में सामने आया है।

चंद रोज पूर्व ग्रुप की एक नवोदियन सीमा के परिजनों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आवश्यकता पड़ी। आनन-फानन में सभी सदस्यों ने सहयोग राशि एकत्र कर इसकी खरीद भी कर ली और समय पर उपलब्ध भी करवा दी। इसके बाद विचार कौंधा कि ऐसी ही मदद अन्य सदस्यों को भी हो सकती है। ऐसे में फंड रेजिंग के लिए सभी एकजुट हुए। अमेरिका में इंजीनियरिंग क्षेत्र में कार्यरत बड़सर क्षेत्र के नवोदियन मनोज गर्ग ने तुरंत एक हजार डॉलर की मदद भेज दी। जर्मन कंपनी के साथ जुड़े औऱ स्विटजरलैंड में कार्यरत भोटा अग्हार के संदीप पटियाल ने 21 हजार रुपए का सहयोग किया।

बड़सर से ही भूपेंद्र बनियाल ने दस हजार रुपए दिए। मेडिकल शॉप संचालक जलाड़ी के आलोक शर्मा, नादौन से जिला लोक सम्पर्क अधिकारी विनय शर्मा तथा भारतीय जीवन बीमा निगम के डवल्पमेंट अधिकारी विनोद धीमान ने पांच-पांच हजार का योगदान दिया। इस तरह कड़ियां जुड़ती गईं और यह सहयोग राशि तीन से चार लाख रुपए तक पहुंच चुकी है। इस आकस्मिक निधि से अब सभी सदस्यों के लिए दवाईयां, उपकरण एवं अन्य मदद उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अतिरिक्त किसी को देखभाल की आवश्यकता पड़ने पर समीप के सदस्य इसके लिए भी तैयार रहते हैं।

ग्रुप के सदस्य विनय शर्मा बताते हैं कि पोस्ट कोविड ट्रीटमेंट में भी सदस्यों व उनके परिजनों की हरसंभव सहायता कर रहे हैं। इस महामारी से बेसहारा हुए बच्चों की शिक्षा का जिम्मा लेने का भी मन बनाया है। अगर किसी को घर में पृथकवास की उचित व्यवस्था न हो पा रही हो तो ऐसे में एक आइसोलेशन स्थल चिह्नित करने का भी विचार है, जिसके लिए स्थान का चयन किया जा रहा है। नवोदय से निकले करीब डेढ़ हजार पूर्व छात्र हमीरपुर जिला की लगभग हर पंचायत में हैं और यह कार्य उन सभी के सहयोग से किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि पहले केवल नवोदियन की मदद तक ही हमारी सोच सीमित थी। अब इसे विस्तार देते हुए नवोदय विद्यालय में कार्यरत स्टाफ व गरीब बच्चों की पढ़ाई या कोचिंग में भी मदद का संकल्प लिया है। उनका कहना है कि समूह में किसी एक सदस्य ने लौ जलाई और कारवां बनता गया। महामारी के इस दौर में आपसी सहयोग के इस छोटे से कदम से किसी को संबल मिले, यही उनका प्रयास है।