रोजाना24,शिमला (जितेंद्र) : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिमला द्वारा प्रदेशव्यापी अंदोलनों को लेकर शिमला के उपायुक्त कार्यालय के बाहर किया गया धरना प्रदर्शन। जिसमें विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । जिला संयोजक सचिन ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय में जिस प्रकार से प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं का सामना विद्यार्थियों को करना पड़ रहा है वह बहुत चिंताजनक है।जैसा कि हम देखते है कि विद्यालय, महाविद्यालय तो सरकार ने विभिन्न स्थानों पर खोल दिए है परन्तु अभी भी वहाँ पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
जिसपर विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल किए जाएं,प्रदेश विश्विद्यालय के परीक्षा परिणाम एवं पुनर्मूल्यांकन के परिणाम समय से घोषित किए जाएं, केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थायी परिसर का निर्माण शीघ्र किया जाए,हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्विद्यालय हमीरपुर और कलस्टर विश्विद्यालय मंडी में शिक्षकों और गैर शिक्षकों की नियमित भर्तियां की जाए,कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर एवं वानिकी एवं बागवानी विश्विद्यालय नैणी में अत्याधिक फीस वृद्धि निर्णय वापस लिया जाए,हिमाचल प्रदेश के ICDEOL में 25 से 30 प्रतिशत फीस वृद्धि को वापस लिया जाए,सरकारी मेडिकल महाविद्यालय में आधारभूत सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाए तथा उपकरणों,डॉक्टरों,अध्यापको और स्टाफ की कमी को तुरन्त पूरा किया जाए और प्रदेश में आउटसोर्सिंग भर्तियों पर प्रतिबंध लगा कर नियमित भर्तियां की जाएं।
जिला संयोजक सचिन ने बताया कि यदि इन सभी मांगो को समय रहते पूरा नहीं किया गया तो विद्यार्थी परिषद आने वाले समय में और उग्र आंदोलन करेगी और यदि विभिन्न शिक्षण संस्थानों में फीस को कम नहीं किया गया तो विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश के छात्रों को लामबंद कर के प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलने के साथ साथ भूख हड़ताल व पुर्णतः शिक्षा बंद करने से भी परहेज नहीं करेगी । जिसकी जिम्मेदार सिर्फ प्रदेश की सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन होगा.