रोजाना24,चम्बा : भारत में मणिमहेश के नाम से शायद ही कोई अपरिचित रहा हो.यहां पहुंचकर कैलाश पर्वत के दर्शन करने के लिए लोग हर वक्त ललायित रहते हैं.लेकिन यहां पहुंचने का सुरक्षित समय अगस्त से अक्तूबर माह तक का ही होता है.लेकिन कुछ श्रद्धालु व साहासिक यात्राओं के शौकीन लोग विषम परिस्थितियों में भी मणिमहेश जाने का मोह नहीं त्याग पाते.
पंजाब के बटाला जिला के छ: श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा कर सकुशल वापिस लौट आए हैं.स्थान एडवेंचर स्पोर्टस एजेंसी के माध्यम यह लोग मणिमहेश पहुंचे.एजेंसी के संचालक पप्पु राकेश शर्मा ने कहा कि मार्च माह से ही मणिमहेश यात्रा करवाने के लिए बाहरी राज्यों के लोगों के फोन आने शुरू है जाते हैं लेकिन भारी हिमपात,हिमसख्लन के जोखिम के कारण वे किसी को मणिमहेश नहीं लेकर गए.
चूंकि अब बर्फ की मोटी चादर कुछ हद तक पिघल चुकी है इसलिए उनकी तीन सदस्यों की टीम ने यात्रियों को मणिमहेश तक पहुंचाया.उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में मणिमहेश झील के पास यह पहले लोग पहुंचे हैं.यात्रा के रास्ते की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि धन्छो तक रास्ता बिलकुल ठीक है.एक रात यहां गुजारने के बाद सुबह वे मणिमहेश के लिए रवाना हुए.धन्छो से आगे के रास्ते पर बर्फ की मोटी तह बिछी है.वे नाले के दोनों छोरों के ऊपर पुल की तरह बनी बर्फ की सतह पर चलकर सीधे गौरीकुंड पहुंचे.उन्होंने कहा कि गौरी कुंड में भी खुले स्थानों की बर्फ नहीं पिघली है.वहीं मणिमहेश झील के ऊपर भी अभी करीब सात फुट बर्फ की मोटी चादर जमी है.पूजा स्थल बर्फ के काफी नीचे दबे होने के कारण वे पूजा स्थल पर शिव प्रतिमा के दर्शन नहीं कर पाए लेकिन मौसम साफ होने के कारण सब लोगों ने मणिमहेश कैलाश के दर्शन किए.उन्होंने कहा कि इस वर्ष हिमपात भले ही तीस वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ गया हो लेकिन हिमस़ख्लन के कारण रास्तों को उतना अधिक नुक्सान नहीं पहुंचा है.यात्रा पर गए बटाला के दीपा,मनोज जग्गो,पुनीत ने कहा कि वे स्थानीय लोगों के सुरक्षा उपकरणों व तकनीक की सहायता से यह यात्रा करने में सफल रहे.उन्होंने कहा कि यह बहुत ही स्मरणीय यात्रा रही.
गौरतलब है कि इस वर्ष जन्माष्टमी स्नान 24 अगस्त को होने वाला है.और प्रशासन यात्रा की तैयारी के लिए मौसम खुलने के साथ ही जुट जाता है लेकिन इस वर्ष चुनावी कार्य के कारण प्रशासन ने इस संदर्भ में अभी कोई बैठक नहीं बुलाई है.जबकि पर्यटकों व श्रद्धालुओं ने अपनी आवाजाही शुरू कर दी है.