भरमाणी माता मंदिर क्षेत्र से नहीं जुड़ी सीवरेज लाइन, पेयजल स्रोतों के प्रदूषित होने का खतरा बढ़ा

भरमाणी माता मंदिर क्षेत्र से नहीं जुड़ी सीवरेज लाइन, पेयजल स्रोतों के प्रदूषित होने का खतरा बढ़ा

भरमौर (चंबा)। भरमाणी माता मंदिर क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्य और नई इमारतों की वजह से पेयजल स्रोतों के प्रदूषण की आशंका गहराने लगी है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और चेतावनी दी है कि यदि समय रहते इस क्षेत्र को सीवरेज नेटवर्क से नहीं जोड़ा गया, तो भरमौर शहर में सप्लाई किए जाने वाले पानी के दूषित होने का खतरा और बढ़ सकता है।

भरमाणी क्षेत्र में नहीं है सीवरेज व्यवस्था
भरमाणी माता मंदिर क्षेत्र में न तो कोई सीवरेज लाइन मौजूद है, न ही सार्वजनिक शौचालय। इस कारण न केवल स्थानीय निवासी बल्कि मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालु भी खुले में शौच के लिए मजबूर होते हैं। इससे पानी के मुख्य स्रोतों के पास खुले में गंदगी फैलती है, जो धीरे-धीरे पेयजल आपूर्ति को प्रदूषित करने का कारण बन रही है।

पूर्व में भी हो चुकी हैं शिकायतें
भरमौर में पहले भी गंदे पानी की सप्लाई को लेकर समस्याएं उठती रही हैं। कई बार स्थानीय लोग इस संबंध में प्रशासन को शिकायत दे चुके हैं, लेकिन भरमाणी माता मंदिर क्षेत्र की अनदेखी आज भी जारी है। अब जब इस क्षेत्र में तेजी से निर्माण कार्य हो रहे हैं और स्थायी निवासियों की संख्या भी बढ़ रही है, तो साफ-सफाई और सीवरेज नेटवर्क का होना और अधिक आवश्यक हो गया है

सामाजिक संगठनों का विरोध, आंदोलन की चेतावनी
स्थानीय सामाजिक संगठनों और सेवाभावी लोगों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि भरमाणी माता मंदिर क्षेत्र को जल्द ही सीवरेज नेटवर्क से नहीं जोड़ा गया, तो वे आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने के साथ-साथ वहां की साफ-सफाई और जल स्रोतों की सुरक्षा भी सरकार की जिम्मेदारी है।

बजरंग दल के भरमौर संयोजक अनिल चाड़क ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “भरमाणी माता मंदिर आस्था का केंद्र है और लाखों श्रद्धालु यहां हर साल दर्शन करने आते हैं। यदि जल्द ही मंदिर क्षेत्र को सीवरेज लाइन से नहीं जोड़ा गया और सार्वजनिक शौचालय नहीं बनाए गए, तो हम सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। सरकार को हमारी आस्था और पर्यावरण दोनों की रक्षा करनी चाहिए।”

सार्वजनिक शौचालय न होने से श्रद्धालुओं को परेशानी
भरमाणी माता मंदिर में हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन वहां सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था नहीं है। इससे न केवल दर्शनार्थियों को परेशानी होती है बल्कि यह स्थानीय जल स्रोतों के लिए भी खतरा बन गया है। प्रशासन श्रद्धालुओं को भरमौर में शौच कर के जाने के बोर्ड लगवा कर अपना पल्ला झाड़ लेता है लेकिन घंटों किसी को शौच करने से रोकना व्यावहारिक नहीं है।

स्थानीय प्रशासन पर उठे सवाल
स्थानीय जनता ने यह भी आरोप लगाया है कि भरमाणी माता मंदिर क्षेत्र को बार-बार अनदेखा किया गया है। सीवरेज और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएं न होने के चलते यह पवित्र स्थल खुद जल प्रदूषण का स्रोत बन सकता है, जो एक बड़ी विडंबना है।

जनता की मांग
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संस्थाओं की स्पष्ट मांग है कि भरमाणी माता मंदिर क्षेत्र को तुरंत सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जाए, सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएं, और पेयजल स्रोतों के आसपास स्वच्छता सुनिश्चित की जाए ताकि आने वाले समय में कोई गंभीर संकट न खड़ा हो।