हिमाचल के स्कूलों में शारीरिक दंड पर पूर्ण प्रतिबंध, उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई

हिमाचल के स्कूलों में शारीरिक दंड पर पूर्ण प्रतिबंध, उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई

शिमलाहिमाचल प्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थियों को शारीरिक दंड देने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम का हवाला देते हुए सभी जिला शिक्षा उपनिदेशकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।

🔹 क्या है मामला?

📌 प्रदेश के कुछ स्कूलों में छात्रों को शारीरिक दंड देने के मामले सामने आने के बाद शिक्षा निदेशालय ने कड़ा संज्ञान लिया है।
📌 RTE अधिनियम 2009 की धारा 17(1) और 17(2) के तहत स्कूलों में शारीरिक दंड पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
📌 स्कूल प्रभारियों को चेतावनी दी गई है कि यदि भविष्य में ऐसा कोई मामला सामने आया तो सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

🔹 शिक्षा निदेशालय की सख्त हिदायत

प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि शारीरिक दंड न केवल शिक्षा के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करता है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनी प्रावधानों के भी खिलाफ है।

📢 “कुछ शिक्षक अभी भी शारीरिक दंड का सहारा ले रहे हैं, जिससे छात्रों की शारीरिक और मानसिक सेहत को खतरा हो रहा है। यह व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है और भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए।” – आशीष कोहली, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक

🔹 शारीरिक दंड के हानिकारक प्रभाव

मस्तिष्क के विकास पर नकारात्मक असर – अध्ययनों से पता चला है कि शारीरिक दंड से बच्चे के मस्तिष्क का विकास प्रभावित होता है।
क्रोध और विद्रोह को बढ़ावा – सजा से छात्रों में प्रतिरोध, क्रोध और सत्ता संघर्ष की भावना बढ़ सकती है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में बाधा – डर के माहौल में सीखने की क्षमता कमजोर हो जाती है।

🔹 शिक्षकों और स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी

📌 सभी स्कूल प्रमुखों को छात्रों के लिए सुरक्षित और सकारात्मक माहौल सुनिश्चित करना होगा।
📌 यदि किसी स्कूल में शारीरिक दंड देने की शिकायत मिलती है, तो संबंधित स्कूल प्रभारी को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
📌 नियमों के उल्लंघन पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

🔹 शिक्षा विभाग ने दिए निर्देश

📢 प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा उपनिदेशकों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि शारीरिक दंड से बचने के लिए शिक्षकों को वैकल्पिक अनुशासनात्मक उपायों के बारे में जागरूक किया जाए।

📌 हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को इस आदेश का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।