हिमाचली सपूत नायक दिलवर खान को मरणोपरांत कीर्ति चक्र, सर्वोच्च वीरता का किया प्रदर्शन

हिमाचली सपूत नायक दिलवर खान को मरणोपरांत कीर्ति चक्र, सर्वोच्च वीरता का किया प्रदर्शन

ऊना (बंगाणा): हिमाचल प्रदेश के वीर सपूत नायक दिलवर खान को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर उनकी अदम्य साहस और कर्तव्यनिष्ठा के लिए कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उनकी वीरता को सलाम करते हुए यह पुरस्कार प्रदान किया।

कर्तव्य को सर्वोच्च रखा, जान की परवाह नहीं

ऊना जिले के बंगाणा उपमंडल के घरवासड़ा गांव के रहने वाले 28 वर्षीय दिलवर खान ने अपने कर्तव्य को अपने जीवन से ऊपर रखा। यदि वह चाहते, तो आतंकी को छोड़कर अपनी जान बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को सर्वोपरि माना और आतंकियों के खिलाफ डटे रहे।

घटना का विवरण: वीरता की अद्वितीय गाथा

23 जुलाई 2024 को नायक दिलवर खान राष्ट्रीय राइफल्स की 28वीं बटालियन के साथ नाका पार्टी की ड्यूटी पर तैनात थे। रात को उन्होंने अपने साथियों के साथ दो आतंकियों को आते देखा। जब नाका पार्टी ने आतंकियों को ललकारा, तो आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी।

  • नायक दिलवर खान ने एक आतंकी को पकड़ लिया और उससे भिड़ गए।
  • इस दौरान दूसरा आतंकी लगातार फायरिंग करता रहा, जिससे दिलवर खान गोली लगने से जख्मी हो गए।
  • घायल होने के बावजूद उन्होंने आतंकी को छोड़ा नहीं और उसे मार गिराया।
  • उनके साथियों ने दूसरे आतंकी को भी ढेर कर दिया।

अपनी अंतिम सांस तक नायक दिलवर खान ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए दुश्मनों के इरादों को नाकाम किया।

भारतीय सेना में 18 साल की उम्र में भर्ती हुए थे

नायक दिलवर खान ने 20 जनवरी 2014 को महज 18 साल की उम्र में भारतीय सेना ज्वाइन की थी। अपने 10 साल के सैन्य जीवन में उन्होंने साहस और कर्तव्यनिष्ठा का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

गणतंत्र दिवस पर वीरता सम्मान

राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 93 सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया। इनमें हिमाचल के वीर सपूत नायक दिलवर खान का नाम भी शामिल है।

हिमाचल का गौरव

हिमाचल प्रदेश, जिसे वीरों की भूमि कहा जाता है, ने नायक दिलवर खान जैसे वीर सपूत दिए हैं। उनकी वीरता और बलिदान ने पूरे राज्य और देश को गर्व से भर दिया है।

परिवार और प्रदेश की शान

नायक दिलवर खान के बलिदान पर उनका परिवार और प्रदेशवासियों को गर्व है। उनका ये साहस और बलिदान हमेशा हर भारतीय को प्रेरित करता रहेगा।