भरमौर में बिना लाइसेंस के दवा दुकान सील, दो डेंटल क्लीनिकों को नोटिस जारी

भरमौर में बिना लाइसेंस के दवा दुकान सील, दो डेंटल क्लीनिकों को नोटिस जारी

चंबा। हिमाचल प्रदेश के भरमौर विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग ने बिना ड्रग लाइसेंस चल रही एक दवा की दुकान को सील कर दिया है। इसके साथ ही, धरवाला क्षेत्र के दो निजी डेंटल क्लीनिकों को भी नोटिस जारी किए गए हैं। विभाग ने इन क्लीनिकों के संचालकों को निर्देश दिया है कि वे वहां बिकने वाली दवाओं और मरीजों के इलाज का पूरा रिकॉर्ड 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करें। यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

लिल्ह में बिना लाइसेंस दुकान पर त्वरित कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग को शिकायत मिली थी कि लिल्ह क्षेत्र में एक दुकान बिना ड्रग लाइसेंस के दवाइयां बेच रही है। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए विभागीय टीम ने मौके पर छापा मारा। जब दुकान संचालक से ड्रग लाइसेंस प्रस्तुत करने को कहा गया, तो वह इसे दिखाने में असमर्थ रहा। बिना ड्रग लाइसेंस दवाइयों की बिक्री गैरकानूनी है, और इस गंभीर उल्लंघन को देखते हुए विभागीय टीम ने तत्काल दुकान को सील कर दिया। इस कार्रवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश के सहायक राज्य दवा नियंत्रक निशांत सरीन ने बताया, “बिना ड्रग लाइसेंस दवाइयों की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध है। हम ऐसे मामलों में सख्त कदम उठा रहे हैं और सभी दुकानदारों के लाइसेंस की जांच कर रहे हैं।”

डेंटल क्लीनिकों को रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का आदेश

लिल्ह में कार्रवाई के बाद विभागीय टीम ने धरवाला में भी दो डेंटल क्लीनिकों पर निरीक्षण किया। इन क्लीनिकों से वहां बिकने वाली दवाइयों और उनके द्वारा उपचारित मरीजों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने को कहा गया। हालांकि, दोनों क्लीनिक संचालकों के पास ये रिकॉर्ड नहीं थे, और उन्होंने इसे दिखाने में असमर्थता जताई। इस पर विभाग ने दोनों क्लीनिकों को नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के भीतर पूरा रिकॉर्ड विभाग के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा, डॉ. बिपन ठाकुर ने कहा, “मरीजों की सुरक्षा के लिए ड्रग लाइसेंस अनिवार्य है। बिना लाइसेंस किसी भी प्रकार की दवा बेचना कानूनन अपराध है, और विभाग इसे रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।”

मरीजों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम

स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र के अन्य मेडिकल स्टोर और क्लीनिक संचालकों में भी हलचल मच गई है। विभाग का मानना है कि लाइसेंस के बिना दवाइयों की बिक्री न केवल अवैध है, बल्कि इससे मरीजों की सुरक्षा पर भी खतरा है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य भर में मेडिकल स्टोरों और क्लीनिकों की नियमित जांच करने का निर्णय लिया है ताकि अनियमितताओं को खत्म किया जा सके।

जिले में व्यापक जांच अभियान की तैयारी

स्वास्थ्य विभाग ने पूरे जिले में औचक निरीक्षण और लाइसेंस सत्यापन अभियान शुरू करने की घोषणा की है। अधिकारियों के अनुसार, जिन भी दुकानों और क्लीनिकों में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभागीय अधिकारियों ने जनता से भी अपील की है कि यदि उन्हें किसी दुकान या क्लीनिक में अनियमितता की जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें।