शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) ने बीएड के शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश के लिए छात्रों को बड़ी राहत दी है। विवि ने बीएड प्रवेश परीक्षा में न्यूनतम प्राप्तांक की सभी शर्तों को हटा दिया है, जिससे अधिक छात्रों को बीएड में दाखिला लेने का मौका मिलेगा। अब सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए स्नातक में 50 फीसदी और आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए 45 फीसदी अंक प्राप्त करने की न्यूनतम योग्यता निर्धारित की गई है।
इस निर्णय से बीएड की 1701 खाली सीटों को भरा जा सकेगा, जिनके लिए विश्वविद्यालय ने 4 और 5 नवंबर को ऑफलाइन काउंसलिंग का आयोजन भी तय किया है। काउंसलिंग एचपीयू सभागार में आयोजित की जाएगी, जिसमें अधिकतम छात्र लाभान्वित होंगे। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया 29 सितंबर से शुरू हो चुकी है और 3 नवंबर, 2024 तक चलेगी।
बीएड कॉलेज प्रबंधकों के दबाव का असर
एचपीयू के इस फैसले का कारण बीएड कॉलेज प्रबंधकों का लगातार दबाव बताया जा रहा है। हिमाचल में कई निजी बीएड कॉलेज हैं, जहां सीटें खाली रह जाने की समस्या लगातार सामने आ रही थी। कॉलेज प्रबंधकों का कहना था कि अधिक कठोर प्रवेश नियमों के कारण योग्य छात्र भी प्रवेश लेने से वंचित रह जाते थे, जिससे सीटें भरने में कठिनाई हो रही थी। इसको देखते हुए विवि प्रशासन ने यह अहम निर्णय लिया, जिससे बीएड कॉलेजों की खाली सीटें भरने में सहायता मिलेगी।
काउंसलिंग में इन दस्तावेजों की आवश्यकता
बीएड में प्रवेश के इच्छुक छात्रों के लिए काउंसलिंग के दौरान कुछ अनिवार्य दस्तावेज साथ लाना आवश्यक है। इनमें आवेदन पत्र की एक प्रति, स्नातक की डिग्री का प्रमाणपत्र और अंकतालिका शामिल हैं। काउंसलिंग में आए बिना किसी भी छात्र को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, और दस्तावेजों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी छात्र सही जानकारी और प्रमाणपत्रों के आधार पर ही प्रवेश लें।
बीटेक छात्रों के लिए बनी रहेगी 55% अंकों की शर्त
बीएड में प्रवेश के नियमों में बदलाव के बावजूद, बीटेक छात्रों के लिए 55 फीसदी अंकों की शर्त बरकरार रहेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बीटेक छात्रों के लिए उच्च अंक आवश्यक हैं ताकि उन्हें शिक्षण के क्षेत्र में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सक्षम माना जा सके।
छात्रों के लिए सुनहरा अवसर
एचपीयू के इस नए फैसले को छात्रों के लिए एक बड़ा अवसर माना जा रहा है। अब तक जो छात्र न्यूनतम अंकों के कारण बीएड में प्रवेश लेने से वंचित रह जाते थे, वे अब इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं। आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए अंकों की सीमा 45 फीसदी निर्धारित करना भी इस दिशा में उठाया गया एक स्वागत योग्य कदम है।
छात्रों और उनके अभिभावकों में इस फैसले को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी जा रही है। एचपीयू द्वारा इस प्रकार का कदम उठाए जाने से हिमाचल प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
आवेदन कैसे करें
बीएड में प्रवेश के लिए इच्छुक छात्र 3 नवंबर, 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और दिए गए निर्देशों का पालन करें। इसके बाद काउंसलिंग की तारीखों पर उपस्थित रहना आवश्यक होगा।