भरमौर के 84 मंदिरों में भूत-प्रेतों की झूठी अफवाहों से श्रद्धालु हैरान

भरमौर, हिमाचल प्रदेश – भरमौर के प्रसिद्ध 84 मंदिरों के बारे में फैली भ्रामक सूचनाओं ने श्रद्धालुओं को असमंजस में डाल दिया है। कई समाचार चैनलों और यूट्यूबर्स ने यह गलत जानकारी फैलायी है कि 84 मंदिरों में भूत-प्रेत और आत्माएं घूमती रहती हैं और इस परिसर में रात तो क्या दिन में घूमने से भी डर लगता है।

भरमौर का धर्मराज मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां माना जाता है कि मृत्यु के बाद आत्माओं के भाग्य का फैसला होता है। लेकिन इस परिसर में भगवान शिव, लक्षणा माता (महिषासुरमर्दिनी), भगवान गणेश, स्वामी कार्तिकेय, भगवान हनुमान, चामुंडा माता, शीतला माता और भगवान नरसिंह के मंदिर भी स्थित हैं, जहां भक्त अपने श्रद्धा और आशीर्वाद के लिए आते हैं। धर्मराज मंदिर में भी हजारों श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।

यहां अर्धगंगा या अर्धगया धाम भी है, जहां लोग अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए स्नान करते हैं। लेकिन यूट्यूबर्स और समाचार चैनलों ने केवल अपने विचार और लोकप्रियता बढ़ाने के लिए 84 मंदिरों के परिसर में भूत-प्रेतों की अफवाहें फैलानी शुरू कर दी हैं। उन्होंने इस पवित्र स्थल को एक भुतहा स्थान के रूप में प्रस्तुत किया है, जहां लोग दिन में भी आने से डरते हैं।

इन अफवाहों से 84 मंदिरों की पवित्रता और श्रद्धालुओं की भावना को ठेस पहुंची है। एक श्रद्धालु ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए इस तरह की भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं। यह हमारे धार्मिक स्थलों की गरिमा को नुकसान पहुंचाता है।”

स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रबंधक समिति ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लोगों से अपील की है कि वे इस तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें और मंदिरों की पवित्रता और धार्मिक भावना का सम्मान करें।

भक्तगणों का मानना है कि ऐसी अफवाहें न केवल मंदिर की प्रतिष्ठा को धूमिल करती हैं, बल्कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना को भी ठेस पहुंचाती हैं। भरमौर के 84 मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल हैं, बल्कि ये हमारी सांस्कृतिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

एक अन्य श्रद्धालु ने बताया, “मैं पिछले कई वर्षों से 84 मंदिरों में आता रहा हूं और यहां कभी किसी भी प्रकार की अप्राकृतिक घटना का अनुभव नहीं किया। यहां की शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा अद्वितीय है।”

यह महत्वपूर्ण है कि हम सब मिलकर ऐसी अफवाहों का खंडन करें और सच्चाई को सामने लाएं। धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखना हम सबका कर्तव्य है।