भरमौर के लोगों की मोदी 3.0 सरकार से उम्मीदें: राजमार्ग निर्माण, कुगती-लाहौल सड़क निर्माण और मणिमहेश यात्रा पैकेज की मांगें

भरमौर, हिमाचल प्रदेश के लोग मोदी 3.0 सरकार से कई उम्मीदें लगाए बैठे हैं। इनमें प्रमुख रूप से पठानकोट-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण, कुगती-लाहौल सड़क निर्माण और मणिमहेश यात्रा के विकास के लिए विशेष पैकेज शामिल हैं। यह परियोजनाएं क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं और स्थानीय जनता की समस्याओं का समाधान कर सकती हैं।

पठानकोट-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण

पठानकोट-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण 10 साल बाद भी अधूरा है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग भरमौर क्षेत्र की जीवनरेखा है लेकिन इसकी धीमी निर्माण गति ने भरमौर के लोगों की जिंदगी को दुर्लभ बना दिया है। इस मार्ग की स्थिति राजमार्ग घोषित होने से पहले से भी बदतर है। यह राजमार्ग न केवल यात्रा को सरल बनाएगा बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मोदी 3.0 सरकार से उम्मीद की जा रही है कि इस परियोजना को तेजी से पूरा किया जाए।

कुगती-लाहौल सड़क निर्माण

कुगती से लाहौल स्पीति को जोड़ने वाली 25 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण भरमौर क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इस सड़क के बन जाने से भरमौर से लाहौल स्पीति की दूरी कम हो जाएगी और पठानकोट से लेह तक की यात्रा 250 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। इससे न केवल यात्रा समय में कमी आएगी बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और पर्यटन विकास में भी वृद्धि होगी। यह सड़क भारतीय सेना के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इससे लेह और लद्दाख के अग्रिम क्षेत्रों में सैन्य आवागमन अधिक सुगम होगा। इससे न केवल सेना की गतिशीलता में वृद्धि होगी बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी। भारत के सबसे पिछड़े जिले चंबा को विकास की राह मिलेगी।

भरमौर के पूर्व सैनिक और स्थानीय निवासी 2020 में नितिन गडकरी से कुगती-लाहौल रोड की मांग कर चुके हैं। यह सड़क न केवल क्षेत्र के लिए बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

मणिमहेश यात्रा के विकास के लिए विशेष पैकेज

मणिमहेश यात्रा के दौरान भरमौर में हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। इस यात्रा के विकास के लिए विशेष पैकेज की आवश्यकता है। मणिमहेश यात्रा के लिए भरमौर-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग को बेहतर बनाना तो जरूरी है ही, लेकिन हड़सर से मणिमहेश तक के 13 किलोमीटर पैदल मार्ग को भी अच्छा बनाने की आवश्यकता है। इससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। बेहतर सुविधाएं और बुनियादी ढांचे का निर्माण यात्रियों के अनुभव को और भी सुखद बनाएगा।