ब्लॉक कांग्रेस भरमौर आज लगभग वैसी ही परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है जैसी भाजपा को विस चुनाव के दौरान करना पड़ा था.उस वक्त भाजपा की ओर से टिकट के दावेदारों की संख्या बढ़ने से भाजपा नेता हर किसी को शक निगाह से देखने लगे थे ऐसा लगता था मानो भाजपा टूट कर बिखर जाएगी.लेकिन चुनाव के नतीजों ने सब अटकलों को झूठा साबित कर दिया.
आज भरमौर कांग्रेस में भले ही विस टिकट के लिए खींच तान न हो लेकिन विधायक के कद जैसा औहदा रखने वाले ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के पद पर भला कौन काबिज नहीं होना चाहता.ऐसे में अगर इस पद के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया न अपना कर हाई कमान के माध्यम से नियुक्ति की जाती है तो हल्ला मचना तो तय है.पार्टी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस के भीतर कई कार्यकर्ता वर्षों से घुटन महसूस कर रहे हैं.जिसका उदाहरण विस चुनावों के दौरान बहुत से कांग्रेसियों का भाजपा में शामिल होने से मिल गया था.इसके बाद भी बहुत से कार्यकर्ता व पदाधिकारी पार्टी की नीतियों में विश्वास जमाए इस आस में बैठे थे कि देर सवेर प्रदेश का पार्टी नेतृत्व ब्लॉक कमेटी के प्रस्ताव को तवज्जो देगा.लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भरमौर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को बिना कोई जानकारी दिए पचपन सदस्यों की कार्यकारिणी की सूचि जारी कर दी तो पार्टी के पूर्वाध्यक्ष सहित कार्यकर्ताओं में अच्छा खासा प्रभाव रखने वाले स्थानीय नेताओं के सब्र का बांध भी टूट गया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ब्रेही के पंचायत समिति सदस्य दलीप राणा बताते हैं कि उन्हें पार्टी द्वारा लोकतांत्रिक तरीक से बीसीसी के चुनाव न करवाने पर आपत्ति है.उन्होंने कहा कि पार्टी अगर सर्वे करवा कर भी ब्लॉक का अध्यक्ष चुनती तो उन्हें न अखरता.उन्होंने कहा कि भरमौर में कांग्रेस वर्षों से एक कंधे पर चल रही है जो कि अब थक चुका है इसलिए पार्टी कार्यकर्ता नये व प्रभावशाली व्यक्ति को नेतृत्व सौंपना चाहते हैं.उन्होंने कहा कि वे क्षेत्रवाद की राजनीति नहीं कर रहे लेकिन सब लोगों को बराबरी का हक तो मिलना चाहिए. त्रिलोचन महादेव प्रांगण में पार्टी के कार्यक्रम के दौरान उन्हें भी पार्टी प्रतिनिधित्व देना का वादा किया गया था.
उधर दूसरी ओर अब पूर्व हो चुके ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ब्रहमानंद ठाकुर ने कहा कि उन्हें यह चुनाव लड़ना ही नहीं था लेकिन पार्टी के उच्च नेतृत्व को चाहिए था कि वे ब्लॉक कार्यकारिणी को एक सूचना तो जारी कर देते .ताकि वर्षों से पार्टी के पोस्टल चिपका रहे कार्यकर्ताओं को उनकी पसंद का नेता चुनने का मौका मिल जाता.नई कार्यकारिणी की पूरी सूचि जारी होने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इसमें प्रदेश अध्यक्ष का कोई कसूर नहीं है क्योंकि उन्हें इस क्षेत्र में चल रही राजनैतिक उथलपुथल की जानकारी से दूर रखा गया है.भरमौर में कांग्रेस अब नये तेवर के साथ उभरने वाली है.उन्होंने कहा कि नव नियुक्त ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष से उन्हें कोई समस्या नहीं है लेकिन जिन लोगों ने इस तरीके कार्यकारिणी का गठन करवाया है उन पर आगामी चुनाव भारी पड़ने वाले हैं.
इस संदर्भ में नव नियुक्त ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भजन सिंह ठाकुर ने कहा कि वे पार्टी के नए पुराने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को विश्वास में लेकर कार्य करेंगे.
भाजपा ने तो थोड़े दिन तक चले जुबानी झगड़े के बाद एकता का परचम लहरा दिया था लेकिन कांग्रेस के दिग्गज तो अगले वर्ष के लोस चुनाव तक देख लेने की बात कर रहे हैं.कांग्रेस के भीतर ऐसे बहुत से कार्यकर्ता हैं जो भरमौरी के चुनाव प्रचार के दौरान उनका अंतिम चुनाव बताकर इस बात से संतुष्ट थे कि शायद पार्टी अब उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.लेकिन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के चयन के बाद वे कार्य कर्ता भी खासे निराश हैं.अब देखना यह है कि आज नाराज दिख रहे कांग्रेस के स्थानीय नेता सचमुच पार्टी की इस कार्यवाही से नाराज हैं या वक्त के साथ वे समझौता करने के लिए मौके का इंतजार करेंगे.
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