रोजाना24,चम्बा 25 अगस्त : हर वर्ष की भान्ति जन्माष्टमी पर्व पर होने वाले मणिमहेश स्नान के लिए शिव भक्तों में खासा उत्साह दिख रहा है । इस वर्ष स्थानीय लोगों के अलावा दूसरे राज्यों व जिलों के सैकड़ों लोग अब तक मणिमहेश यात्रा का पुण्य कमा चुके हैं ।
जन्माष्टमी पर्व पर जानकारी देते हुए क्षेत्र के प्रसिद्ध ज्योतिष पंडित ईश्वर दत्त बताते हैं कि शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रमास कृष्णपक्ष अर्द्धरात्री में हुआ था । जब चंद्रवार(सोमवार) और बुद्धवार वृष के चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र अष्टमी तिथि के योग में हुआ था । इस पर्व के लिए जो योग बना है वह आठ वर्षों बाद बना है । इस योग में भगवान की भक्ति करने में कई जन्मों के पाप नाश होते हैं।
उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी पर्व इस वर्ष 29 अगस्त को रविवार रात्रि 11:40 से शुरू होकर 30 अगस्त रात्रि 2:36 बजे तक रहेगा । इस अवधि में मणिमहेश झील में स्नान का विशेष महत्व है। इसके अलावा इस कालखंड में पूजा व अन्य शुभकार्यों को किया जा सकता है।
प्रशासन के यात्रा रोकने के निर्णय के बावजूद सैकड़ों अन्य लोग हर रोज यहां सोशल मीडिया के माध्यम से मणिमहेश यात्रा में पहुंचने के लिए लगातार सम्पर्क बनाए हुए हैं। हालांकि चम्बा जिला प्रशासन ने यात्रा पर रोक लगाकर इसे आवश्यक लोगों की सीमित संख्या में प्रतीकात्मक तरीकै से मनाने का निर्णय लिया है ।जिसके लिए देव छड़ी के साथ निर्धारित संख्या में श्रद्धालुओं को जन्माष्टमी व राधाष्टमी स्नान की अनुमति है ।
इस यात्रा के भदरवाह से देव छड़ियां पहुंचने के बाद देश प्रदेस में शिवभक्तों में उत्साह व जिज्ञासा बढ़ गई है । हर कोई इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहता है ।लेकिन प्रशासनिक पाबन्दियों के कारण मन मसोस कर रह गए हैं ।