रोजाना24, ऊना 3 मार्च : नीति आयोग द्वारा अधिकृत भारतीय शिक्षक मंडल द्वारा जिला परियोजना कार्यालय के सौजन्य से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में अध्यापक की भूमिका पर एक वैबिनार का आयोजन किया गया जिसमें अतिरिक्त उपायुक्त, ऊना डाॅ अमित शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। वेबिनार में लगभग 418 अध्यापकों ने भाग लिया।इस अवसर पर एडीसी डाॅ अमित कुमार शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति से शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। इसके तहत प्राथमिक कक्षाओं तक की शिक्षा में मातृभाषा अथवा स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में अपनाने बल दिया गया है। उन्होंने बताया कि 3 से 8 वर्ष की आयु के बीच बच्चों का अधिकतर बौद्धिक विकास हो जाता है, इसलिए इस शिक्षा नीति के तहत 3 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए सरकार द्वारा निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें अध्यापकों की भूमिका अहम रहेगी। इस दौरान डा रमन जसवाल ने कार्यक्रम की रूपरेखा सांझा की और मुकुल कनितकर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदुओं से सभी को अवगत करवाया। मुख्य वक्ता प्रो उमा शंकर पचैरी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में अध्यापक की भूमिका पर चर्चा की। जिला परियोजना अधिकारी देवेंद्र सिंह चैहान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए जिला के अध्यापकों से आने वाले समय में अपना अधिकाधिक सहयोग देने की अपील की।इस अवसर पर उच्च शिक्षा उपनिदेशक पीसी राणा, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक देवेन्द्र चंदेल, प्रो उमा शंकर पचैरी, डा0 रमन जसवाल, मुकुल कनितकर, डाॅ कुलभूषण चंदेल, डाइट के जिला समन्वयक ललित मोहन, जिला समन्वयक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विवेक दत्ता सहित अन्य उपस्थित रहे।