शहरी क्षेत्र के निर्धन एवं रोजगार विहीन परिवारों को मिलेगा 120 दिनों का रोजगार

रोजाना24चंबा : उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने बताया कि कॉविड- 19 के चलते शहरी क्षेत्र के निर्धन एवं रोजगार विहीन परिवारों के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना शुरू की है ताकि शहरी क्षेत्र के वे परिवार जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनको भी रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।उपायुक्त ने यह बात आज मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा शिमला से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शहरी निकायों के साथ की गई बैठक में भाग लेने के बाद कही। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं कि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले इस तरह की परिवारों को वित्तीय वर्ष 2020- 21 के दौरान रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जाएं। उपायुक्त ने कहा कि चूंकि ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना पहले से हीकार्यान्वित की जा रही है, ऐसे में राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भी इस तरह की योजना को लागू करके नगर क्षेत्र में रहने वाले गरीब परिवारों के लिए एक बहुत बड़ा आर्थिक संबल दिया है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र व्यक्ति द्वारा पहले आवेदन किया जाएगा। उसके बाद प्राप्त आवेदनों की जांच के बाद पात्र आवेदकों का पंजीकरण किया जाएगा। पंजीकरण के 7 दिनों के भीतर आवेदक को जॉब कार्ड जारी करना होगा। पंजीकरण के 15 दिनों के भीतर आवेदक को रोजगार भी उपलब्ध करवाना आवश्यक होगा। उपायुक्त ने बताया कि रोजगार के अलावा लोगों की स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रशिक्षण दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत दिए जाने का प्रावधान है ताकि व्यक्ति अपना स्वयं का रोजगार स्थापित करके अपनी आजीविका कमा सके। प्रशिक्षण प्राप्त इस तरह के व्यक्तियों को वित्तीय सहायता देने के लिए बैंक लिंकेज भी करवाई जाएगी ताकि उन्हें अपना रोजगार शुरू करने के लिए आवश्यक धनराशि हासिल हो सके। उपायुक्त ने जिला के सभी शहरी निकायों को निर्देश देते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना को प्रभावी तरीके से अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यान्वित करें ताकि कोरोना वायरस संक्रमण के इस दौर में शहरी क्षेत्र में रहने वाले गरीब परिवारों को भी रोजगार प्राप्त हो। उन्होंने यह भी कहा कि योजना के कार्यान्वयन की लगातार समीक्षा की जाती रहेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि चंबा जिला के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले पात्र परिवारों को रोजगार मिल रहा है।