150 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सिल ने कर बांट दिए 10213 मास्क.

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रोजना24,चम्बा : महिला एवं बाल विकास विभाग ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी कार्य योजना के तहत अपने विभिन्न दायित्वों को अंजाम दिया है। जिला में लॉक डाउन लागू होते ही जिला प्रशासन ने इस महत्वपूर्ण विभाग को अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन को लेकर विशेष दिशा निर्देश जारी किए थे। कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला में चलाए गए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान में भी विभाग के फील्ड कर्मचारियों ने अपनी भूमिका निभाई। 130 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कार्य किया।उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने आज यहां बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग की हर घर तक पहुंच है। कोरोना वायरस की इस लड़ाई में विभाग के गांव स्तर के कर्मी सक्रिय और प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विशेषकर होम क्वॉरेंटाइन लोगों पर पैनी निगाह रखने में भी यह कर्मी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए कार्य करें। कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है तो उसकी तुरंत सूचना दी जाए ताकि उस व्यक्ति को ना केवल संस्थागत क्वॉरेंटाइन किया जाए बल्कि उसके खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई जा सके। उपायुक्त ने कहा कि लॉक डाऊन  अवधि के दौरान विभाग के नियमित कार्यों के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग ने मास्क तैयार करके उन्हें आम जनमानस में वितरित करने का भी महत्वपूर्ण दायित्व निभाया। उपायुक्त विवेक भाटिया ने ये भी बताया कि 150 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने ना केवल 10213 मास्क घर में तैयार किए बल्कि उनका वितरण भी किया जो एक सराहनीय कदम है। इसके अलावा 19 महिला स्वयं सहायता समूहों ने भी 3816 मास्क तैयार करके वितरित किए। उपायुक्त ने कहा कि जिला में संचालित किए गए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान में भी कार्यकर्ताओं द्वारा सक्रिय सहयोग दिया गया। लॉक डाऊन के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अप्रैल माह में 6 माह से 6 वर्ष तक के 47986 बच्चों, 8306 गर्भवती और धात्री माताओं के अलावा 11 से 14 वर्ष की आयु तक की स्कूल जाने वाली 218 बालिकाओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के माध्यम से पूरक पोषाहार बांटा गया। कोविड महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों के 52 बच्चों और 15 माताओं को भी विभाग द्वारा राशन वितरित किया गया।

भाटिया ने बताया कि लॉक डाऊन के दौरान घरेलू हिंसा उत्पीड़न के विरुद्ध उठाए गए कदमों में घरेलू हिंसा उत्पीड़न से संबंधित मामलों के समाधान के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसमें सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इन अधिकारियों के मोबाइल नंबरों को आम जनमानस तक पहुंचाया गया है ताकि इसके माध्यम से घरेलू हिंसा उत्पीड़न की जानकारी दी जा सके।

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी हर दिन रैंडम आधार पर 25 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से दूरभाष पर बात करके ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि आंगनवाड़ी केंद्रों द्वारा सभी दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है।