रोजाना24ः बाहरी राज्यों से वापस आने के इच्छुक हिमाचलियों को चिकित्सा जांच और संस्थागत क्वारंटीन के उपरान्त ही अपने घर जाने दिया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज राज्य सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। इन नोडल अधिकारियों को देश के अन्य भागों में फंसे लोगों राज्य में वापिस लाने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से समन्वय स्थापित करने के लिए नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार देश के विभिन्न भागों में फंसे हिमाचलवासियों की सुरक्षा के प्रति चिंतित हैं उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को घर भेजने से पहले उन्हें क्वारंटीन अवधि में रखने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब, महाराष्ट्र और देश के अन्य रेड जोन से आने वाले हिमाचलियों की कोविड-19 के लिए जांच की जाएगी।जय राम ठाकुर ने नोडल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उन्हें जिन राज्यों का कार्यभार सौंपा गया है, उनके नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए रखें ताकि फंसे हुए हिमाचलियों को वापस लाने का मामला संबंधित राज्यों की सरकार के साथ जल्द से जल्द उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को वापस लाने में प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे राज्य के 52,763 लोगों ने कोविड ई-पास के लिए आवेदन किया है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में फंसे देश के विभिन्न राज्यों के लगभग 63,044 लोग अपने राज्यों को वापिस जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अब तक अन्य राज्यों के 30,219 लोग यहां से जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में वापस जाने के इच्छुक लोगों को उनकी सुचारू वापसी के लिए सभी संभव सुविधाएं प्रदान की जाएं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को प्रदेश में ही रहने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि श्रमिकों के अभाव में विकास परियोजनाएं प्रभावित न हों।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने गोवा में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को राज्य में वापस लाने के लिए थिविम/मड़गांव/करमाली से ऊना तक विशेष रेलगाड़ी चलाने के लिए सहमति प्रदान की है। यह विशेष रेलगाड़ी 13 या 14 मई, 2020 को गोवा से चलेगी। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को वापस लाने के लिए 11 मई को बेंगलुरु से ऊना के लिए एक और स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। राज्य सरकार, केंद्र सरकार से महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, बिहार इत्यादी राज्यों से भी ऐसी ही ट्रेनें शुरू करने का आग्रह करने पर विचार कर रही है ताकि वहां फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को सुविधा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उचित सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने के लिए ऊना स्थित रेलवे स्टेशन पर पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। वहां पर मास्क, सैनिटाइजर योजना के पैकेट का भी प्रबन्ध किया जाएगा। लोगों की सुविधा के लिए वहां पर जिलावार अलग काउंटर स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान में फंसे हिमाचलियों को वापस लाने के लिए भी राज्य सरकार आवश्यक व्यवस्था करेगी।
वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर, मुख्य सचिव अनिल खाची, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, प्रधान सचिव राजस्व व आपदा प्रबन्धन समिति ओंकार चंद शर्मा, सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क तथा शहरी विकास रजनीश, सचिव वित्त एवं आवास अक्षय सूद, मण्डलीय आयुक्त शिमला एवं सचिव लोकायुक्त राजीव शर्मा, श्रम आयुक्त एवं निदेशक रोजगार तथा प्रबन्ध निदेशक, हि.प्र. औद्योगिक विकास निगम एस.एस. गुलेरिया, राज्यपाल के सचिव एवं विशेष सचिव कृषि राकेश कंवर, विशेष सचिव वित्त एवं जल शक्ति विभाग देव दत्त शर्मा, निदेशक हिप्पा और अभिलेख चन्द्र प्रकाश वर्मा, निदेशक ऊर्जा और प्रबन्ध निदेशक हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम मानसी सहाय ठाकुर, निदेशक वित्त और कार्मिक, एचपीएसईबी लिमिटेड शिमला सुदेश मोख्टा, निदेशक ग्रामीण विकास और पंचायती राज ललित जैन, विशेष सचिव बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा हेमराज बैरवा, निदेशक कार्मिक और वित्त एचपीपीसीएल मनमोहन शर्मा, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा रोहित जम्वाल, विशेष सचिव मुख्यमंत्री एवं राजस्व दुनी चन्द राणा, विशेष सचिव वन, उद्योग नीरज कुमार भी इस बैठक में उपस्थित थे।