रोजाना24,चम्बा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई चुवाड़ी द्वारा आज 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल की शुरुआत की गई.जोकि प्रदेश सरकार के खिलाफ कुछ मुख्य मांगों को लेकर की जा रही है। प्रदेश भर में विद्यार्थी परिषद सरकार के खिलाफ आंदोलनरत है ताकि विद्यार्थियों के शिक्षा मे आ रही समस्याओं को हल किया जा सके।
प्रदेश भर में विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री को विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों द्वारा ज्ञापन सौंपे गए ताकि विद्यार्थियों को आ रही समस्याओं को जल्द से जल्द हल किया जा सके। एबीवीपी जिला नूरपुर संगठनात्मक सोशल मीडिया सह संयोजक अमित कुमार बताते हैं कि अब तक सरकार की ओर से विद्यार्थियों को कोई आश्वासन नहीं मिला है जिस कारण इस छात्र संगठन को भूख हड़ताल का निर्णय लेना पड़ा है.
यह हैं वो मांगें जिनके लिए विद्यार्थी परिषद सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोले हुए है.
1. महाविद्यालय में अध्यापकों के रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाए।
2 . छात्र और छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
3. छात्र संघ चुनाव बहाल किए जाएं।
4. एचपीयू के परीक्षा परिणाम समय पर घोषित किए जाएं।
5. महाविद्यालय में पीजी कोर्सेस की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।
6. एचपीयू के ICDEOL द्वारा स्नातक विषयों में 25 से 30 % फीस वृद्धि को वापस लिया जाए।
7. महाविद्यालय में खेल के मैदान की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।
8. शिलान्यास का पत्थर रख देने से केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाए।
9. हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर और क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी में शिक्षक एवं गैर शिक्षकों की नियमित भर्तियां की जाए।
10. कृषि क्षेत्र से जुड़े प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर एवं वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौणी में अत्यधिक फीस वृद्धि को वापस लिया जाए।
आज से शुरू हुई यह सांकेतक भूख हड़ताल अगले 24 घंटे तक जारी रहेगी. इकाई अध्यक्ष हरितिक, इकाई सचिव दीक्षा, जिला सह छात्रा प्रमुख उर्मी, इकाई सोशल मीडिया संयेजक अजय और साथ में इकाई के सभी कार्यकर्ताओ ने इसमें भाग ले रहे हैं.हड़ताल के पहले दिन न तो सरकार व न ही महाविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई हड़ताली छात्रों मिलने पहुंचा. महाविद्यालय परिसर में ये संकेतक भूख हड़ताल हो रही ह
एबीवीपी कार्य कर्ताओं का कहना है कि जबतक सरकार उनकी मांगों को नहीं मान लेती तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.