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पर्यटन का भविष्य है 'होमस्टे' – उपायुक्त

रोजाना24,चम्बा : “चंबा जिला में पर्यटन का भविष्य यहां के होमस्टे रहेंगे और इसके स्वरूप को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है”.उपायुक्त ने यह बात आज डीआरडीए सभागार में जिले के होम स्टे संचालकों के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास के तहत राज्य कौशल विकास निगम के तत्वावधान में  आयोजित दो दिवसीय स्किल डेवलपमेंट आधारित कार्यशाला के समापन मौके पर अपने संबोधन के दौरान कही । 

उन्होंने कहा कि चंबा जिला को प्रकृति ने नैसर्गिक सौंदर्य और प्राकृतिक संसाधनों से लबरेज किया है।  नैसर्गिक पर्यटन के अलावा यहां ट्रैकिंग,  साहसिक और धार्मिक पर्यटन की तमाम संभावनाएं मौजूद हैं । उपायुक्त ने कार्यशाला में मौजूद प्रशिक्षणार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि यदि वे सामूहिक तौर पर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ेंगे तो चंबा जिला होमस्टे डेस्टिनेशन के तौर पर देश- विदेश में ख्याति अर्जित कर सकता है।बेहतरीन होमस्टे संचालन के लिए सबसे पहले पर्यटकों की अपेक्षाओं को समझना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में अलग-अलग जगहों पर मौजूद होमस्टे की आवश्यकताएं और पर्यटकों के आकर्षण से जुड़े पहलू भी भिन्न हो सकते हैं। लेकिन होमस्टे के लिए एक समान पहली शर्त होमस्टे संचालक की प्रकृति, आसपास मौजूद प्राकृतिक संसाधनों और सामाजिक परिवेश के प्रति संजीदगी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों में एक बड़ी तादाद ऐसे पर्यटकों की भी है जो अपना समय होमस्टे में गुजारना ज्यादा पसंद करते हैं ताकि नैसर्गिक सौंदर्य के साथ स्थानीय खानपान पारंपरिक लोक -संस्कृति को करीब से अनुभव किया जा सके।

जिले में इस तरह के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विकास खंडों में मनरेगा कन्वर्जेंस में ट्रैकिंग रूट्स को विकसित किए जाने को लेकर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन ट्रैकिंग रूट्स के निर्माण में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का ही ज्यादातर उपयोग किया जाएगा।  उपायुक्त ने कहा कि नई सोच और दृष्टिकोण से कोई भी योजना व्यावहारिक तौर पर कामयाब साबित होती है । विशेषकर युवा होमस्टे संचालन की तरफ अपना रुझान बढ़ाएं जिला प्रशासन उनकी पूरी मदद करेगा । प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अलावा राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत उन्हें वित्तीय मदद मिलेगी।  

उन्होंने कहा कि आगे भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहेगा । उन्होंने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम ने युवाओं को विभिन्न योजनाओं के तहत प्रशिक्षित करने के लिए फोकल स्किल डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त किया है। फोकल स्किल हिमाचल प्रदेश में एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा समर्थित कौशल विकास प्रशिक्षण योजना को लागू कर रहा है।  इस योजना में राज्य के 2000 बेरोजगार युवाओं को पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में प्रैक्टिकल प्रशिक्षण दिया जाएगा।  

इससे पूर्व उपायुक्त ने प्रशिक्षणार्थियों के साथ इंटरेक्शन किया और उनके अनुभवों को भी जाना।  इस मौके पर सहायक आयुक्त उपायुक्त रामप्रसाद शर्मा ने भी उन्हें उपयोगी टिप्स प्रदान किए। समापन कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल और जिला पर्यटन विकास अधिकारी विजय कुमार के अलावा कौशल विकास निगम के जिला समन्वयक सुधीर भाटिया भी मौजूद रहे। 

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