चम्बा: उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने विकास खंड भटियात की ग्राम पंचायत कथेट की प्रधान मधुबाला को ग्राम सभा की बैठकों में बिना सूचित किए अनुपस्थित रहने तथा पंचायत के सामान्य कामकाज और अदायगियों को समय पर न निपटाने के कारण निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।
हिमाचल प्रदेश पंचायती राज सामान्य अधिनियम 1994 की धारा 145 (1) (ग) और हिमाचल प्रदेश पंचायती राज सामान्य नियम 1997 के नियम 142 (1) (क) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपायुक्त ने यह कड़ा निर्णय लिया है।
आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि मधुबाला को 23 अप्रैल 2024 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उनसे ग्राम सभा की बैठकों में अनुपस्थित रहने, पंचायत के कामकाज को समय पर निपटाने में असफल रहने के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया था। मधुबाला ने 03 मई 2024 को नोटिस का उत्तर प्रस्तुत किया था, जो कि उपायुक्त के अनुसार असंतोषजनक और तथ्यों के विपरीत पाया गया।
उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने बताया कि मधुबाला द्वारा प्रस्तुत उत्तर पंचायत के कामकाज और नियमों के अनुपालन के दृष्टिकोण से उपयुक्त नहीं था। इस आधार पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि मधुबाला प्रधान ग्राम पंचायत कथेट को निलंबित आदेशों के पश्चात पंचायत से संबंधित कोई भी अभिलेख, धन या संपत्ति होने की अवस्था में उन्हें तुरंत पंचायत सचिव के पास जमा करवाने होंगे। यह निर्णय पंचायत के सुचारू संचालन और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
मधुबाला का निलंबन न केवल पंचायत के सदस्यों के लिए एक कड़ा संदेश है, बल्कि यह भी संकेत है कि पंचायत के कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही और अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि पंचायतों के संचालन में पारदर्शिता और अनुशासन को सर्वोपरि रखा जाएगा।