रोजाना24,चम्बा : शहर के समीप कुरांह में स्थित कूड़ा कचरा निष्पादन के लिए पहले से उपलब्ध जगह पर वैज्ञानिक तरीके से कचरा निष्पादन के लिए जल्द कार्य योजना तैयार होगी। योजना के तहत शहर के अलावा इस जगह के साथ लगती पंचायतों के कचरे का भी वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण होगा. मंडे मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए आज उपायुक्त विवेक भाटिया ने बाकायदा इसको लेकर कमेटी भी गठित की। अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल की अध्यक्षता वाली यह कमेटी कचरे के निष्पादन को लेकर बेस्ट मॉडल तैयार करने पर काम करेगी। इस कमेटी में नगर परिषद के अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। उपायुक्त ने कहा कि यदि ठोस और तरल कचरा प्रबंधन को लेकर वैज्ञानिक तरीके पर आधारित मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा तो शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी साफ सफाई की सभी दिक्कतें अपने आप खत्म हो जाएंगी। इस कार्य योजना में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) भी शामिल रहेगा। उपायुक्त ने कहा कि चंबा जिला में नैसर्गिक, साहसिक और धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं । जिले का टूरिस्ट इनफॉरमेशन नेटवर्क तैयार किया जाएगा ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को वे सभी जानकारियां एक जगह पर मिल सकें जिसकी वे अपेक्षा रखते हैं। जिले में मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत विभिन्न विकास खंडों में ट्रैकिंग रूट्स भी तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन ट्रैकिंग रूट्स पर जाने वाले ट्रैक्टरों को पोर्टरों की भी जरूरत रहती है। पर्यटन विभाग क्षेत्र विशेष में रहने वाले स्थानीय युवाओं को पोर्टर का प्रशिक्षण प्रदान करेगा। उपायुक्त ने कहा कि जो संस्थान रोज बड़ी मात्रा में कचरा पैदा करते हैं उन्हें अपने स्तर पर कचरे का निष्पादन करना होगा। इनमें बड़े होटल, शॉपिंग कंपलेक्स, अस्पताल और सब्जी मंडी जैसी जगहें शामिल हैं। नियमानुसार जो ऐसा नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है। गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों के स्वास्थ्य के मुद्दे पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अवगत किया कि मदर- चाइल्ड प्रोटक्शन कार्ड तैयार करने में चंबा जिला 100 फ़ीसदी पंजीकरण के साथ अव्वल स्थान पर है। उपायुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए सभी जरूरी चेकअप यदि नहीं हुए तो संबंधित आशा वर्कर की जिम्मेदारी तय की जाए । उन्होंने यह भी कहा कि सहारा योजना के तहत जिले के सभी पात्र व्यक्तियों तक इसका लाभ पहुंचना चाहिए । स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में और गंभीरता दिखाए। आशा वर्कर को प्रति केस के तौर पर 200 रुपए का मानदेय भी तय है। उपायुक्त ने कहा कि नए सत्र से जिले के प्राथमिक स्कूलों में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। शुरुआती चरण में यह 25 स्कूलों में कार्यान्वित होगा । इसमें नियमित पाठ्यक्रम के अलावा छोटे बच्चों को आचार- व्यवहार और नैतिकता के गुण भी सिखाए जाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में यह गुण व्यक्तित्व विकास में सबसे अहम भूमिका निभा सकते हैं। उपायुक्त ने कहा कि चंबा जिला पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पादों के अलावा यहां के खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के लिए भी देश- विदेश में प्रसिद्ध है। इन तमाम स्थानीय उत्पादों के संग्रहण, पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए एक सुगम और सिंगलप्लेटफॉर्म आधारित व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है। इनकी मार्केटिंग के लिए चंबा जिला का एक विशिष्ट ब्रांड भी बनाया जाएगा जो उपभोक्ताओं में उत्पाद के प्रति विश्वास को और सुदृढ़ करेगा। उपायुक्त ने जिले में लैवेंडर की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत पर भी जोर दिया। इसके लिए प्रगतिशील किसानों को जोड़ा जाए ताकि वे लैवंडर की खेती के लिए एक नई सोच पैदा कर सकें। उपायुक्त ने कृषि विभाग को जिले में वर्तमान में उपलब्ध माइक्रो सिंचाई स्कीमों का तुलनात्मक डाटा तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से जो नतीजे आए हैं उसके आंकड़े भी प्रस्तुत किए जाएं ताकि जमीनी स्तर पर आए व्यवहारिक बदलाव की समीक्षा की जा सके। उपायुक्त ने कहा कि चंबा से भद्रवाह तक बस सेवा उपलब्ध होने की संभावनाएं हैं। इस मामले को जम्मू स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से उठाया जाएगा। हिमाचल परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक इस दिशा में जरूरी कदम उठाएं। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, सहायक आयुक्त रामप्रसाद शर्मा, जिला पर्यटन विकास अधिकारी विजय कुमार, एसडीएम शुभम प्रताप सिंह,
आईएएस प्रोबेशनर सौरभ जस्सल, एचएएस प्रोबेशनर रजनीश के अलावा विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी भी मौजूद रहेेे.