रोजाना24,शिमला : जनजातीय क्षेत्रों को मुख्यधारा में लाने के लिए जनजातीय उपयोजना के तहत 904 करोड़ रुपये योजना तथा 831 करोड़ रुपये गैर योजना के तहत आवंटित किए गए हैं. मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज यहां जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) की 47वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही.
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकल प्रशासन प्रणाली अपनाने के बाद जनजातीय सलाहकार परिषद द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के लोगों के विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए कई नीतिगत निर्णय लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के सम्पूर्ण विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के बजट का 09 प्रतिशत, जनजातीय उपयोजना के लिए निर्धारित किया गया है.चालू वित्त वर्ष के दौरान जनजातीय उपयोजना के तहत 904 करोड़ रुपये योजना तथा 831 करोड़ रुपये गैर योजना के तहत आवंटित किए गए हैं.जनजातीय क्षेत्रों में 144.17 करोड़ रुपये भवनों, सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए, 169.37 करोड़ रुपये शिक्षा क्षेत्र, 99.42 करोड़ रुपये स्वास्थ्य क्षेत्र और 59.54 करोड़ रुपये सिंचाई व पेयजल आपूर्ति योजनाओं के लिए निर्धारित किए गए हैं.मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की सुविधा के लिए हेलिकाॅप्टर की नियमित उड़ाने भी सुनिश्चित की जा रही हैं.बीते वर्ष जनजातीय क्षेत्रों में हेलिकाॅप्टर की 71 उड़ानें की गईं, जिससे 2303 लोग लाभान्वित हुए.उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 में जनजातीय क्षेत्रों में हेलिकाॅप्टर सेवाओं के लिए सब्सिडी प्रदान करने का मामला जनजातीय कार्य मंत्रायल भारत सरकार से उठाया था और राज्य को इसके लिए चार करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में प्राप्त हुए.वित्त वर्ष 2019-20 में भी केन्द्र सरकार ने इसके लिए चार करोड़ रुपये प्रदान किए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य सरकार की पहल पर जनजातीय क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों के लिए केन्द्रीय जनजातीय विकास मंत्रालय से 70 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त हुई है.
उन्होेंने कहा कि सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बार्डर एरिया डवलेपमेंट प्रोग्राम) के तहत राज्य सरकार वर्ष 2017-18 में 10 करोड़ रुपये और वर्ष 2018-19 में 8.45 करोड़ रुपये प्राप्त करने में सफल रही है.केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को वर्ष 2019-20 में संविधान के अनुच्छेद-275 (1) के तहत 67 करोड़ रुपये विशेष केन्द्रीय सहायता के रूप में प्रदान किए हैं.मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में तीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्वीकृत करवाने में सफल रही है.इन स्कूलों को भरमौर, पांगी और लाहौल में खोला गया है.उन्होंने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इन स्कूलों के भवनों के निर्माण के लिए 56 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे, जिसमें से अभी तक 33.66 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने भरमौर और पांगी जनजातीय क्षेत्रों के लिए टैलीमेडिसीन सुविधा प्रदान की है.इसके लिए केन्द्र सरकार ने वर्ष 2018-19 में दो करोड़ रुपये विशेष सहायता के रूप में प्रदान किए हैं व इस वर्ष के लिए 1.74 करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि जन-जातीय क्षेत्रों के लोगों की सुविधा के लिए केलांग, काजा और पूह में भी टैलीमेडिसीन सुविधा आरम्भ की जा चुकी है.किन्नौर और स्पीति में जनजातीय लोगों की सुविधा के लिए रामपुर में 6.79 करोड़ रुपये की लागत से जनजातीय भवन का निर्माण किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी ने 3 जून, 2000 को केलांग दौरे के दौरान जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति को हर मौसम के दौरान देश से जोड़ने के लिए रोहतांग सुरंग के निर्माण की घोषणा की थी.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शीघ्र ही लोकार्पण करेंगे. इस सुरंग का नाम भी पूर्व प्रधानमंत्री भारत रतन अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर ‘अटल टनल’ रखा गया है.जय राम ठाकुर ने जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक नियमित रूप से आयोजित करने का आश्वासन दिया और कहा कि बैठक में लिए गए निर्णयों के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में नौतोड़ और एफआरए के मामलों के निवारण के लिए कदम उठाए जाएंगे.
भरमौर के विधायक जिया लाल कपूर ने क्षेत्र के विभिन्न संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खणी के भवन के शीघ्र निर्माण के लिए भी आग्रह किया.
विधायक जगत सिंह नेगी ने क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि निर्बाध विद्युत आपूर्ति उपलब्ध करवाने के लिए पर्याप्त मात्रा में तारें, खम्बे और अन्य उपकरण सुनिश्चित किए जाने चाहिए.उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में नौतोड़ मामले के शीघ्र निपटारे के लिए भी आग्रह किया।