आदर्श आधुनिक एकलव्य आवासीय स्कूल में शुरू हुईं कक्षाएं,परीक्षाएं सिर पर.

रोजाना24,चम्बा : आदर्श आधुनिक एकलव्य विद्यालय भरमौर में छठी की कक्षाएं हुई शुरू हो गई हैंं.

जनजातीय क्षेत्रों के बच्चों की बेहतरीन शिक्षा के लिए स्वीकृत आदर्श आधुनिक एकलव्य आवासीय विद्यालय भरमौर में आज से शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया.खणी स्थित इस स्कूल में आज छठी कक्षा के बच्चे व अभिभावक अपने सामान सहित संस्थान में पहुंचे.संस्थान के प्रधानाचार्य ने इस अवसर अभिभावकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे उनके साथ सहयोग बनाए रखें वे उनके बच्चों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ देंगे.उन्होंने कहा कि ढांचागत समस्या के कारण इस वर्ष शैक्षणिक सत्र शुरू होने में थोड़ी देरी हुई है.लेकिन इसका प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर नहीं पड़ने दिया जाएगा.यह शैक्षणिक सत्र 15 दिसम्बर तक जारी रखा जाएगा ताकि बच्चे पढाई का पूरा प्रारूप समझ सकें. बच्चों को एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के तहत ही शिक्षा दी जाएगी.जबकि संस्थान की सम्बद्धता सीबीएसई से है इसलिए परीक्षा प्रश्नपत्र का तरीका कुछ भिन्न होता है.प्रधानाचार्य ने कहा कि संस्थान के अपने भवन व कैम्पस तैयार होने में कुछ वक्त लगेगा.जिसके लिए खणी के लोगों को सड़क निर्माण के लिए सहयोग करना होगा.

उन्होनें अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हॉस्टल में बच्चों को पढ़ाई के अलावा अनुशासन, सामजिक मेलजोल,आपसी सम्बन्धों को मजबूत करना,टीम वर्क में कार्य करना सिखाया जाता है.

इस अवसर पर इस आवासीय स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के रहने,कक्षाओं आदि के बारे में भी अभिभावकों जानकारी दी गई.

गौरतलब है कि भरमौर उपमंडल के खणी गांव में स्वीकृत हुए इस संस्थान के पास आधारभूत ढांचे के नाम पर सिर्फ अपनी जमीन है.संस्थान के लिए रावमापा के अध्यापकों के लिए बने आवास को मुरम्मत कर संस्थान को शुरू करने लायक बनाया गया है.संस्थान में पहले वर्ष छठी कक्षा में 34 छात्र छात्राएं दाखिल किए गए हैं.जिनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी 07 अध्यापकों पर है.जबकि आवासीय व अन्य गैर शैक्षिक कार्यों के लिए 07 अन्य लोगों का स्टाफ भी तैनात किया गया है.

संस्थान के भवन आदि निर्माण कार्य आगामी तीन वर्षों नें पूरा होने की सम्भावना है.जबकि संस्थान के लिए सड़क के लिए भूमि उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी खणी के लोगों पर है.अगर ग्रामीण अपनी भूमि से सड़क निर्माण की अनुमति दे देते हैं तो संस्थान तक निर्माण सामग्री आसानी से पहुंचाई जा सकेगी.

बहरहाल संस्थान में कक्षाएं शुरू होने से लोगों ने कुछ राहत की सांस जरूर ली है.